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गंगा दशहरा: महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

गंगा दशहरा का पर्व भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व मां गंगा के धरती पर आगमन का प्रतीक है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। जानें इस वर्ष गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जिसमें पंचोपचार पूजा और मंत्र जाप शामिल हैं।
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गंगा दशहरा: महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

गंगा दशहरा का महत्व

नई दिल्ली। आज भारत भर में गंगा दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जब मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा के अवसर पर स्नान, दान और उपवास का महत्व अत्यधिक होता है।


गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त

गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष, ज्येष्ठ गंगा दशहरा पर दशमी तिथि 4 जून की रात 11:54 बजे प्रारंभ होगी और 5 जून की रात 2:16 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, 5 जून को पूरे दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा। विशेष रूप से, 5 जून को सुबह 3:16 से 5:24 बजे तक गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस समय सिद्धि योग का प्रभाव रहेगा। सिद्धि योग में स्नान और दान से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, साथ ही भगवान शिव की भी आराधना की जाती है।


गंगा दशहरा की पूजा विधि

गंगा दशहरा की पूजा विधि

गंगा स्नान के दिन पंचोपचार पूजा करना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन प्रातः जल्दी उठकर गंगा में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना आवश्यक है। मां गंगा की पूजा के लिए सबसे पहले उनकी प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। पूजा सामग्री में 10 प्रकार के फूल, 10 भेंट चढ़ाने वाली वस्तुएं, और 10 मौसमी फल शामिल होते हैं। इसके साथ ही 10 घी के दीपक भी जलाए जाते हैं। मां गंगा को तांबूल और दशांग भी अर्पित किया जाता है। इस दिन गंगा अवतरण की कथा सुनना और गंगा स्तुति का पाठ करना भी शुभ होता है। इसके अलावा, "ॐ नमः शिवायै गंगायै शिवदत्तायै नमो नमः" का जाप करना चाहिए।