गणेश चतुर्थी 2025: आरतियों के बोल और उनकी महिमा

गणेश आरती के बोल
गणेश आरती के बोल हिंदी में: गणेश चतुर्थी 2025 का पावन पर्व नजदीक है, और इस अवसर पर भगवान गणेश की आरती गाना भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव है। आरतियाँ जैसे "सुखकर्ता दुखहर्ता" और "शेंदुर लाल चढ़ायो" भक्तों के दिलों में श्रद्धा और उत्साह भर देती हैं। ये आरतियाँ न केवल गणेश जी की महिमा का वर्णन करती हैं, बल्कि मन को शांति और समृद्धि का आशीर्वाद भी देती हैं। आइए, हम गणेश जी की इन प्रसिद्ध आरतियों के बोल जानते हैं, जिन्हें आप गणेश चतुर्थी पर गाकर बप्पा को प्रसन्न कर सकते हैं।
सुखकर्ता दुखहर्ता: गणेश जी की पहली आरती
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची।
कंठी झलके माल मुकताफळांची।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति।
जय देव जय देव॥
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति।
जय देव जय देव॥
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना।
संकटी पावावे निर्वाणी, रक्षावे सुरवर वंदना।
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति।
दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति।
जय देव जय देव॥
शेंदुर लाल चढ़ायो: दूसरी लोकप्रिय आरती
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको।
हाथ लिए गुड लड्डू सांई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज।
विद्या सुखदाता, धन्य तुम्हारा दर्शन।
मेरा मन रमता, जय देव जय देव॥
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि।
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी।
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज।
विद्या सुखदाता, धन्य तुम्हारा दर्शन।
मेरा मन रमता, जय देव जय देव॥
भावभगत से कोई शरणागत आवे।
संतत संपत सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे।
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे॥
जय देव जय देव..
जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज।
विद्या सुखदाता, धन्य तुम्हारा दर्शन।
मेरा मन रमता, जय देव जय देव॥
ये दोनों आरतियाँ गणेश चतुर्थी के दौरान विशेष रूप से गाई जाती हैं। "सुखकर्ता दुखहर्ता" और "शेंदुर लाल चढ़ायो" गणपति के विभिन्न गुणों और उनकी महिमा को दर्शाती हैं। इनका गायन भक्तों के मन को शांति प्रदान करता है और वे बप्पा के आशीर्वाद से विघ्नों से मुक्ति पाते हैं। गणेश चतुर्थी 2025 पर इन आरतियों को पूजा के दौरान गाकर आप गणपति को प्रसन्न कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान का वरदान पा सकते हैं।