गणेश चतुर्थी 2025: जानें पूजा विधि और ऋणमुक्ति के उपाय

गणेश चतुर्थी का पर्व
गणेश चतुर्थी 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 27 अगस्त 2025 (बुधवार) को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भक्तगण अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर विशेष पूजा और व्रत का आयोजन करते हैं। भक्तजन भगवान को मोदक, फल, दूर्वा, सिंदूर और फूल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गणेश की उपासना का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से गणपति बप्पा की उपासना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और रुके हुए कार्य सफल होते हैं। विशेष रूप से, ऋणमुक्ति के लिए गणेश स्तोत्र का पाठ करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इस स्तोत्र, मंत्र और पूजा विधि का महत्व...
ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम्
ॐ स्मरामि देवदेवेशं वक्रतुण्डं महाबलम्।
षडक्षरं कृपासिन्धुं नमामि ऋणमुक्तये॥
महागणपतिं वन्दे महासेतुं महाबलम्।
एकमेवाद्वितीयं तु नमामि ऋणमुक्तये॥
एकाक्षरं त्वेकदन्तं एकं ब्रह्म सनातनम्।
महाविघ्नहरं देवं नमामि ऋणमुक्तये॥
शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णं शुक्लगन्धानुलेपनम्।
सर्वशुक्लमयं देवं नमामि ऋणमुक्तये॥
रक्ताम्बरं रक्तवर्णं रक्तगन्धानुलेपनम्।
रक्तपुष्पैः पूज्यमानं नमामि ऋणमुक्तये॥
कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णं कृष्णगन्धानुलेपनम्।
कृष्णयज्ञोपवीतं च नमामि ऋणमुक्तये॥
पीताम्बरं पीतवर्णं पीतगन्धानुलेपनम्।
पीतपुष्पैः पूज्यमानं नमामि ऋणमुक्तये॥
सर्वात्मकं सर्ववर्णं सर्वगन्धानुलेपनम्।
सर्वपुष्पैः पूज्यमानं नमामि ऋणमुक्तये॥
एतद् ऋणहरं स्तोत्रं त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।
षण्मासाभ्यन्तरे तस्य ऋणच्छेदो न संशयः॥
सहस्रदशकं कृत्वा ऋणमुक्तो धनी भवेत्॥
गणेश मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा।
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
गणपति को प्रसन्न करने के उपाय
गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः स्नान कर घर और मंदिर की सफाई करें।
सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें।
भगवान गणेश को दूर्वा, लाल फूल, सिंदूर और मोदक का भोग लगाएं।
जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हुए मंत्रों का जप करें।
मान्यता है कि इससे सभी दुख-दरिद्रता और संकट समाप्त हो जाते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
गणेश चतुर्थी के दिन काले रंग के वस्त्र न पहनें।
किसी के प्रति बुरा न सोचें और विवाद से बचें।
घर और पूजा स्थल की सफाई बनाए रखें।
उत्सव के दौरान तामसिक भोजन का सेवन न करें।
ध्यान दें
DISCLAIMER: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है. JBT इसकी किसी भी प्रकार से पुष्टि नहीं करता है.