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चंडीगढ़ में ग्रीन दीपावली: प्रदूषण नियंत्रण में सफलता

दीपावली 2025 के अवसर पर चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रीन पटाखों के उपयोग के दिशा-निर्देश जारी किए। शहरवासियों ने उत्साहपूर्वक इन नियमों का पालन किया, जिससे वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आई। दीपावली के दिन, अधिकांश लोगों ने निर्धारित समय का पालन किया, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ। जानें इस पहल के प्रभाव और नागरिकों की जागरूकता के बारे में।
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चंडीगढ़ में ग्रीन दीपावली: प्रदूषण नियंत्रण में सफलता

दीपावली 2025 पर प्रदूषण कम करने के प्रयास

चंडीगढ़: दीपावली 2025 के अवसर पर, चंडीगढ़ प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीसी) ने शहरवासियों के सहयोग से प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण कदम उठाए। प्रशासन ने पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए पटाखों के उपयोग के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए थे।


इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, दीपावली की रात केवल ग्रीन पटाखों को रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक जलाने की अनुमति थी। प्रशासन का उद्देश्य था कि शहर में ध्वनि और वायु प्रदूषण को न्यूनतम किया जाए, ताकि लोग सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में त्योहार का आनंद ले सकें।


शहरवासियों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही। दीपावली से एक दिन पहले शोर स्तर काफी कम रहा और वायु गुणवत्ता सामान्य दिनों के समान बनी रही। दीपावली के दिन, अधिकांश लोगों ने निर्धारित समय का पालन किया और पटाखों की खपत पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम रही।


प्रभाव का आकलन करने के लिए वायु और ध्वनि प्रदूषण स्तर को छह स्थानों पर मापा गया। पहले माप 13 अक्टूबर को सामान्य दिन पर लिया गया और फिर दीपावली के दिन 20 अक्टूबर को दोबारा मापा गया।


सामान्य दिन में, सभी स्थलों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 'संतोषजनक' से 'मध्यम' (120 से नीचे) के दायरे में रहा। दीपावली के दिन, रात 8 बजे तक वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी रही, लेकिन पटाखों के जलने के कारण एक्यूआई में वृद्धि हुई और कुछ स्थानों पर 'बहुत खराब' श्रेणी तक पहुंच गया।


विशेष रूप से, नागरिकों द्वारा निर्धारित समय का पालन करने के कारण एक्यूआई में जल्दी सुधार देखा गया। इसके अलावा, छह में से चार स्थलों (सेक्टर 17, 22, 25 और 53) में दीपावली 2024 की तुलना में इस बार बेहतर वायु गुणवत्ता देखी गई। यह पिछले तीन वर्षों से लगातार सुधार युवा पीढ़ी और स्कूल के बच्चों में बढ़ती पर्यावरणीय जागरूकता का संकेत है।


पर्यावरण विभाग ने बताया कि वे ग्रीन दीपावली पहल के तहत स्कूलों में बच्चों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं।


ध्वनि प्रदूषण भी दीपावली के दिन सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ा। सबसे अधिक ध्वनि स्तर सेक्टर 22 में 80.7 डीबी(ए) रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे कम सेक्टर 25 में 65.8 डीबी(ए) था।


प्रशासन और सीपीसीसी ने नागरिकों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों की जागरूकता और नियमों का पालन ही इस सुधार का मुख्य कारण है। उन्होंने भविष्य में भी पर्यावरण-संरक्षण और स्वच्छ दीपावली के लिए इसी तरह के सहयोग की उम्मीद जताई।