चंडीगढ़ में निरंकारी बाल समागम: शिक्षा और सेवा का महत्व

निरंकारी बाल समागम का आयोजन
चंडीगढ़ समाचार: सन्त निरंकारी सत्संग भवन, सेक्टर 30 में आयोजित निरंकारी बाल समागम में श्री पवन कुमार जी मुखी, सेक्टर 40 क्षेत्र ने उपस्थित बच्चों और युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें अपनी पढ़ाई को पूरी मेहनत और लगन से करना चाहिए। इसके साथ ही, सत्संग, सेवा और सिमरन में भी सक्रिय रहना आवश्यक है, ताकि सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा दी गई शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू कर सकें। इससे न केवल हमें भौतिक सुख-सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि हमारा जीवन भी आनंदमय होगा।
बड़ों के प्रति आदर और सम्मान की प्रेरणा देते हुए श्री पवन जी ने कहा कि हमें अपने माता-पिता और शिक्षकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। किसी चीज़ को पाने के लिए माता-पिता से जिद नहीं करनी चाहिए और उनके आय के अनुसार ही खर्च करना चाहिए, क्योंकि माता-पिता पहले से जानते हैं कि उनके बच्चों को कब क्या चाहिए और वे बिना कहे ही प्रयास करते रहते हैं।
इस बाल समागम में बच्चों ने सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की शिक्षाओं को विभिन्न भाषाओं में गीत, कविता, भाषण और नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। बच्चों ने काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, नफरत, निंदा, वैर, ईर्ष्या आदि से दूर रहने और प्यार, करुणा, दया, नम्रता, सहनशीलता, समदृष्टि जैसे सद्गुणों को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने परमपिता परमात्मा का एहसास करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के बारे में कई प्रस्तुतियाँ दीं, जो सभी श्रोताओं को प्रभावित करने में सफल रहीं।
इस अवसर पर ज़ोनल इंचार्ज श्री ओ. पी. निरंकारी ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई सामग्री की सराहना की और उनके माता-पिता तथा इंचार्ज का धन्यवाद किया। उन्होंने सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज से प्रार्थना की कि ये बच्चे हर प्रकार के सुख प्राप्त करें।
संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने भी सभी बच्चों, उनके इंचार्ज, सेवादल अधिकारियों और अन्य सहयोगियों का धन्यवाद किया। उन्होंने सत्गुरू माता सुदीक्षा जी से प्रार्थना की कि ये बच्चे बड़े होकर न केवल अपने माता-पिता का नाम रोशन करें, बल्कि सत्गुरू की शिक्षाओं का अपने कार्यों के माध्यम से प्रचार करें।