चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण: पीएम10 स्तर 121 माइक्रोग्राम तक पहुंचा

चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण की स्थिति
चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण का स्तर: पीएम10 121 माइक्रोग्राम! शहरीकरण की गति के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) लागू किया है, जिसमें उन शहरों को शामिल किया गया है जहां वायु प्रदूषण मानकों से अधिक है।
चंडीगढ़ में प्रदूषण की गंभीरता
चंडीगढ़ भी इस सूची में शामिल है। प्रारंभिक वर्षों में कुछ सुधार देखने को मिला, लेकिन अब चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण मानकों से दोगुना हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष चंडीगढ़ में पीएम10 का स्तर 121 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है, जबकि पिछले दो वर्षों में यह 116 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। इस प्रकार, इसमें 5 माइक्रोग्राम की वृद्धि हुई है।
चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति के सदस्य सचिव और मुख्य वन संरक्षक सौरभ कुमार ने कहा कि वायु प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनकी जांच के लिए आईआईटी से अध्ययन कराया जा रहा है। इस अध्ययन की रिपोर्ट के बाद सही कारणों का पता चलेगा। ग्रीनरी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, और खुले क्षेत्रों को भी कवर किया जाएगा जहां से धूल उड़ती है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को 32 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिनमें से 30 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। हालांकि, 2019-20 की तुलना में 2024-25 तक पीएम10 में 29 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की वृद्धि हो चुकी है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत की गई पहलें
सड़कों के आसपास पेड़ों की सफाई और हवा में कणों की कमी के लिए पानी छिड़काव की गाड़ियां खरीदी गई हैं। सभी प्रमुख सड़कों के साथ ओपन एरिया को कवर करने के लिए छोटे-छोटे गड्ढे बनाकर पौधे लगाए गए हैं, जिससे धूल हवा में न जाए। विभिन्न क्षेत्रों में वृक्षारोपण भी किया गया है। वायु प्रदूषण की वास्तविक समय में निगरानी के लिए मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
आईआईटी कानपुर और रोपड़ से वायु प्रदूषण के स्रोत का स्तर जानने के लिए अध्ययन कराया जा रहा है, जो इस वर्ष के अंत तक पूरा होगा। कारणों का पता चलने पर क्षेत्रवार नियंत्रण के लिए वैज्ञानिक योजना तैयार की जाएगी।