जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: ओडिशा में भगवान के विशेष पोशाक की तैयारी
जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: हर वर्ष ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर न केवल ओडिशा से, बल्कि विभिन्न शहरों से भक्तजन शामिल होने के लिए आते हैं। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को रथ पर स्थापित किया जाता है, और पूरे शहर में उनकी शोभायात्रा निकाली जाती है। मान्यता है कि इस यात्रा में शामिल होने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। इस वर्ष, यह रथ यात्रा 27 जून को आयोजित की जाएगी। इस दिन भगवान के वस्त्र विशेष रूप से तैयार किए जाते हैं। आइए जानते हैं कि ये पोशाक कैसे बनती हैं?
भगवान के पोशाक की तैयारी
कैसे तैयार होता है पोशाक?
रथ यात्रा के लिए भगवान के वस्त्र ओडिशा के खुर्दा जिले के राउतपाड़ा गांव के बुनकरों द्वारा बनाए जाते हैं। पिछले तीन दशकों से, ये बुनकर भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मूर्तियों के लिए वस्त्र तैयार कर रहे हैं। कहा जाता है कि गोविंद चंद्र दास के परिवार के नेतृत्व में, ये बुनकर हर साल रथ यात्रा के लिए विशेष वस्त्र तैयार करते हैं। इस प्रक्रिया में पारंपरिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, और हर वर्ष, वे भगवान के लिए 7 विभिन्न प्रकार के पोशाक बनाते हैं।
त्योहार का समय
कब से कब तक मनाया जाएगा ये त्योहार?
पुरी, जिसे जगन्नाथ पुरी भी कहा जाता है, भारत के उड़ीसा राज्य में स्थित है। यहां हर साल भगवान विष्णु के स्वरूप जगन्नाथ जी की पूजा धूमधाम से की जाती है। इस वर्ष, यह यात्रा 26 जून से 27 जून तक मनाई जाएगी। इस अवसर पर देश-विदेश से भक्तजन शामिल होने के लिए आते हैं।
रथ यात्रा का महत्व
क्या है रथ यात्रा का महत्व
इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ जी, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को सजाकर रथ पर बिठाया जाता है, और फिर पूरे शहर में इनकी यात्रा निकाली जाती है। मान्यता है कि जगन्नाथ जी के दर्शन से भक्तों के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान जगन्नाथ का रथ, जिसे नंदीघोष कहा जाता है, लाल और पीले रंग से सजाया जाता है, और इसका सारथी दारुक होता है।
