जन्माष्टमी 2025: भगवान कृष्ण के लिए छप्पन भोग की विशेष परंपरा

जन्माष्टमी का महत्व
जन्माष्टमी 2025: भगवान कृष्ण के जन्मदिन के अवसर पर भक्ति, आनंद और मध्यरात्रि की प्रार्थनाएं मनाई जाती हैं। इस पावन दिन पर भगवान कृष्ण को छप्पन भोग अर्पित किया जाता है, जिसमें फल, नमकीन और मिठाइयों के 56 विभिन्न व्यंजन शामिल होते हैं, जो भगवान के प्रति श्रद्धा का प्रतीक हैं।
कृष्ण की पसंदीदा चीजें
कृष्ण के बचपन में मक्खन और गांव वालों द्वारा तैयार भोजन उन्हें बहुत प्रिय था। एक बार उन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी की रक्षा करने का संकल्प लिया और उस दिन उन्होंने आठ बार भोजन नहीं किया, जिसमें प्रत्येक बार सात वस्तुएं थीं। उनके द्वारा छोड़े गए भोजन की भरपाई के लिए, अनुयायियों ने अगले दिन उन्हें सभी 56 वस्तुएं एक साथ अर्पित कीं। इस प्रकार, छप्पन भोग की परंपरा कृतज्ञता, प्रेम और भक्ति का प्रतीक बन गई।
जन्माष्टमी के लिए 56 भोग की सूची
जन्माष्टमी के लिए पूरी 56 भोग लिस्ट
- माखन मिश्री (चीनी के साथ मक्खन)
- पेढ़ा
- मालपुआ
- रसगुल्ला
- गुलाब जामुन
- कलाकंद
- खीर (चावल का हलवा)
- राबड़ी
- लड्डू (बूंदी, बेसन, या मोतीचूर)
- संदेश
- जलेबी
- श्रीखंड
- दूध का केक
- बर्फी (नारियल, केसर, या बादाम)
- पोहा चिवड़ा
- समोसा
- पकोड़ा (आलू, पालक, या पनीर)
- कचौड़ी
- मथरी
- नमकपारे
- सेव
- मूंग दाल वड़ा
- मुरुक्कू
- केला
- सेब
- अंगूर
- अमरूद
- अनार
- खजूर
- बादाम
- काजू
- पिस्ता
- किशमिश
- पेय
- लस्सी
- छाछ (छाछ)
- ठंडाई
- बादाम दूध
- पुरी
- चैपाटी/फुलका
- जीरा चावल
- खिचड़ी
- पनीर करी
- आलू टमाटर की सब्जी
- लौकी की सब्जी
- छोले
- मूंग की दाल
- कढ़ी
- साबूदाना खिचड़ी
- सामा चावल पुलाव
- मीठा पोंगल
- हलवा (सूजी, आटा, या मूंग दाल)
- घी चावल
- उबले हुए मीठे मकई
- नारियल चावल
- सिंघाड़े के आटे का हलवा, पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, चीनी का मिश्रण)
भक्ति और आस्था का पर्व
जन्माष्टमी का त्योहार भक्ति, उल्लास और आस्था का प्रतीक है। छप्पन भोग की परंपरा हमें कृष्ण और उनके अनुयायियों के बीच प्रेम की याद दिलाती है, जो दर्शाता है कि भोजन कैसे प्रशंसा और चिंता का प्रतीक बन सकता है।