जन्माष्टमी 2025: भद्रा काल और पूजा का शुभ मुहूर्त

भद्रा काल का महत्व
Janmashtami 2025 Vrat Puja Muhurat: हिंदू पंचांग में भद्रा काल का विशेष महत्व है। इसे विष्टि करण भी कहा जाता है, जो अशुभ माना जाता है। जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है, तब भद्रा काल सक्रिय होता है। इस समय भद्रा का प्रभाव पृथ्वी पर होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भद्रा काल में कोई भी मांगलिक कार्य या महत्वपूर्ण कार्य करने से उसकी सफलता की संभावना कम होती है। इसलिए इस दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते। भद्रा, शनि देव की बहन हैं, जिनका स्वभाव क्रूर और विनाशकारी होता है, इसलिए इनका अपमान नहीं करना चाहिए।
क्या 16 अगस्त को भद्रा काल रहेगा?
अब हम जानते हैं कि 2025 में 16 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन भद्रा काल रहेगा या नहीं। इस दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, 15 अगस्त को सुबह 12:58 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी। इसके बाद 18 अगस्त को सुबह 6:22 बजे भद्रा का योग बनेगा। इस प्रकार, 16 अगस्त को भद्रा का कोई अशुभ प्रभाव नहीं होगा।
मध्यरात्रि का क्षण
इस साल जन्माष्टमी का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा। मध्यरात्रि का क्षण सुबह 12:26 बजे होगा। इस दिन चंद्रोदय रात 10:46 बजे के आसपास होगा।
शहर अनुसार पूजा का मुहूर्त
शहर अनुसार कृष्ण जी की पूजा का मुहूर्त
- कोलकाता- देर रात 11:19 से प्रात: काल 12:03
- चेन्नई- देर रात 11:51 से प्रात: काल 12:36
- हैदराबाद- देर रात 11:58 से प्रात: काल 12:43
- बेंगलूरु- प्रात: काल में 12:01 से 12:47
- नोएडा- प्रात: काल में 12:03 से 12:47
- नई दिल्ली- प्रात: काल में 12:04 से 12:47
- गुरुग्राम- प्रात: काल में 12:05 से 12:48
- चण्डीगढ़- प्रात: काल में 12:06 से 12:49
- जयपुर- प्रात: काल में 12:10 से 12:53
- पुणे- प्रात: काल में 12:17 से 01:02
- मुंबई- प्रात: काल में 12:20 से 01:05
- अहमदाबाद- प्रात: काल में 12:22 से 01:06