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जन्माष्टमी: भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा और संदेश

जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव है, जो भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों का प्रतीक है। इस लेख में हम श्रीकृष्ण के जीवन की लीलाओं, उनके द्वारा दिए गए गहन संदेश और जन्माष्टमी के महत्व पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे श्रीकृष्ण का जीवन हमें प्रेम, न्याय और करुणा का पाठ पढ़ाता है।
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जन्माष्टमी: भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा और संदेश

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव

भाद्रपक्ष कृष्णाष्टमी का पर्व पूरे भारत में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी ने भगवान श्रीकृष्ण को जन्म दिया था। यह उत्सव भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों का प्रतीक है। इस वर्ष जन्माष्टमी की तिथि को लेकर कुछ भ्रम उत्पन्न हुआ था। द्रिक पंचांग के अनुसार, 15 अगस्त की रात 11:49 बजे से भाद्रपद माह की कृष्णाष्टमी शुरू हो रही थी, जो 16 अगस्त की रात 9:24 बजे तक रहेगी। विद्वानों का मानना है कि जब अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का मिलन नहीं होता, तब उदयातिथि को मान्यता दी जाती है। इस दृष्टिकोण से, इस वर्ष जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी।


श्रीकृष्ण का जीवन और संदेश

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक धार्मिक घटना नहीं है, बल्कि यह मानवता के लिए गहन संदेश और आदर्श जीवन का उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनके जीवन की लीलाएं, जैसे कि नरकासुर का वध और 16,100 बंदियों को मुक्त करना, न केवल अद्भुत हैं बल्कि नैतिक और सामाजिक संदेश भी देती हैं।


कंस और देवकी का विवाह

पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में मथुरा में राजा अग्रसेन का शासन था। उनके पुत्र कंस ने अपने पिता का सिंहासन छीन लिया और देवकी का विवाह वसुदेव से हुआ। कंस को आकाशवाणी हुई कि देवकी का आठवां पुत्र उसका संहारक बनेगा, जिसके बाद उसने देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया।


श्रीकृष्ण का अद्भुत जन्म

जब देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया, उस समय मथुरा में घोर अंधकार और मूसलाधार बारिश हो रही थी। जन्म लेते ही कोठरी में अलौकिक प्रकाश फैल गया। वसुदेव ने भगवान की आज्ञा का पालन करते हुए श्रीकृष्ण को गोकुल पहुंचाया।


श्रीकृष्ण का जीवन दर्शन

भगवान श्रीकृष्ण का जीवन केवल लीलाओं से भरा नहीं है, बल्कि यह गहन जीवनदर्शन और मूल्य शिक्षा का स्रोत भी है। उनके जीवन में प्रेम, साहस, न्याय और करुणा का अद्भुत मिश्रण है।


जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी का पर्व हमें याद दिलाता है कि जीवन में धर्म और न्याय के मार्ग पर चलना सर्वोपरि है। श्रीकृष्ण के आदर्श जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि अन्याय और अधर्म के खिलाफ खड़ा होना हर युग का धर्म है।