जितिया व्रत 2025: संतान की लंबी उम्र के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

जितिया व्रत का महत्व और तिथि
जितिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, माताओं के लिए संतान की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। यदि आप इस व्रत को करने की योजना बना रही हैं, तो यहाँ 2025 के जितिया व्रत से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी दी गई है।जितिया व्रत इस वर्ष 14 सितंबर 2025, रविवार को मनाया जाएगा। यह हर साल आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आयोजित होता है। इस बार अष्टमी तिथि 14 सितंबर को सुबह 05:04 बजे शुरू होगी और 15 सितंबर को सुबह 03:06 बजे समाप्त होगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त 14 सितंबर को सुबह 08:51 बजे से शुरू होकर 15 सितंबर को सुबह 05:36 बजे तक रहेगा।
जितिया व्रत तीन दिनों तक चलता है। पहले दिन, यानी 13 सितंबर को 'नहाय-खाय' की परंपरा निभाई जाती है, जिसमें महिलाएं सुबह स्नान करके सात्विक भोजन करती हैं। दूसरे दिन, 14 सितंबर को, महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और गंधर्व राजा जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। तीसरे दिन, 15 सितंबर को, सुबह 06:27 बजे के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।
इस व्रत का महत्व इस बात में है कि इसे रखने से संतान के जीवन में आने वाली सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और उन्हें लंबी आयु का वरदान मिलता है। यह व्रत माँ और बच्चे के बीच के गहरे प्रेम को भी दर्शाता है। इस व्रत से जुड़ी एक कहानी राजा जीमूतवाहन की है, जिन्होंने नागों की रक्षा के लिए अपनी जान दी थी।