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ज्येष्ठ त्रयोदशी 2025: 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए शक्तिशाली मंत्र

ज्येष्ठ त्रयोदशी 2025 पर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए एक विशेष मंत्र का जाप करें। इस दिन शिव भक्तों के लिए 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य प्राप्त करने का सुनहरा अवसर है। जानें इस मंत्र का महत्व और इसे कैसे जाप करें, जिससे आपके जीवन में सुख और समृद्धि आएगी।
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ज्येष्ठ त्रयोदशी 2025: 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए शक्तिशाली मंत्र

ज्येष्ठ त्रयोदशी 2025: भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर

हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। महादेव की उपस्थिति हर शिवलिंग में होती है, जो दर्शाता है कि वे हर स्थान पर विद्यमान हैं।


ज्येष्ठ त्रयोदशी 2025: इस दिन करें विशेष कार्य


हर महीने की त्रयोदशी तिथि शिव भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होती है, जब वे प्रदोष व्रत और पूजा के माध्यम से महादेव की कृपा प्राप्त करते हैं। 2025 में ज्येष्ठ त्रयोदशी, जो रवि प्रदोष के रूप में मनाई जाएगी, शिव भक्तों के लिए एक विशेष अवसर लेकर आएगी। इस लेख में हम एक शक्तिशाली मंत्र के बारे में चर्चा करेंगे, जिसके जाप से आप 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।


प्रदोष व्रत का महत्व शास्त्रों में वर्णित है, और यह माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा और उपवास से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। हर महीने में दो बार आने वाली त्रयोदशी तिथि भक्तों को अपनी भक्ति को और गहरा करने का अवसर देती है। यदि आप किसी कारणवश प्रदोष व्रत नहीं रख पा रहे हैं, तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।


हिंदू धर्म में हर समस्या का समाधान है, और महादेव को प्रसन्न करना उनकी भक्ति में लीन होने जितना सरल है। एक विशेष मंत्र का जाप करके आप न केवल शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का फल भी पा सकते हैं।


यह मंत्र है:


उज्जयिन्यां महाकालं ओंकारंममलेश्वरम्। परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने। वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये। एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।


यह मंत्र 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण कराता है, जो भगवान शिव के सबसे पवित्र स्थानों का प्रतीक हैं। ये ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकाल, ओंकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, घृष्णेश्वर, त्र्यम्बकेश्वर, काशी विश्वनाथ, और केदारनाथ हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र का सुबह-शाम जाप करने से सात जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं। ज्येष्ठ त्रयोदशी के दिन इस मंत्र का जाप करें, और भगवान शिव की कृपा से अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरें।


इस त्रयोदशी पर शिव मंदिर जाकर जलाभिषेक करें, बेलपत्र अर्पित करें, और इस मंत्र का जाप करें। यह छोटा सा उपाय आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर इस पवित्र दिन को और भी खास बनाएं।