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झारखंड में माइनिंग टूरिज्म सर्किट की शुरुआत: एक नई पर्यटन पहल

झारखंड ने 'माइनिंग टूरिज्म सर्किट' की शुरुआत की है, जो राज्य के खनन इतिहास और तकनीक को दर्शाने का एक अनूठा प्रयास है। JTDC और CCL के सहयोग से आयोजित इस टूर में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और पत्रकारों को खनन स्थलों का भ्रमण कराया गया। इस पहल का उद्देश्य खनन और पर्यटन के बीच एक नया संबंध स्थापित करना है। भविष्य में, शैक्षिक भ्रमण भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को इस क्षेत्र की जानकारी प्राप्त हो सके।
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झारखंड में माइनिंग टूरिज्म सर्किट की शुरुआत: एक नई पर्यटन पहल

झारखंड में माइनिंग टूरिज्म का नया अध्याय


(झारखंड समाचार) मनीष मेहता, रांची। झारखंड अब पर्यटन के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, जिसे 'माइनिंग टूरिज्म सर्किट' कहा गया है। यह अनोखी पहल झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य के खनन इतिहास और तकनीक को आम जनता के सामने लाना है।


सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और पत्रकारों का भ्रमण

इस टूर में 15 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और 13 पत्रकारों को शामिल किया गया, जिन्हें कोयला खदानों और उनके आस-पास के क्षेत्रों का दौरा कराया गया।


पतरातु से उरीमारी तक: पर्यटन और खनन का संगम

• सुबह 9:00 बजे, JTDC की दो ट्रैवलर बसों ने प्रतिभागियों को होटल बिरसा विहार (रांची) से रवाना किया।
• 10:00 बजे, सभी ने पतरातु घाटी की खूबसूरत वादियों का आनंद लिया।
• 12:00 बजे, पालनी फॉल्स के अद्भुत दृश्य का अनुभव किया।
• 1:00 बजे, होटल पर्यटन विहार में स्वादिष्ट भोजन और स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।


CCL के साथ खनन की गहराईयों की जानकारी

• 2:00 बजे, प्रतिभागियों ने उरीमारी कोल माइंस की ओर प्रस्थान किया।
• CCL अधिकारियों ने खनन प्रक्रिया पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।
• सभी प्रतिभागियों को सुरक्षा उपकरण पहनाकर ब्लास्टिंग और कोयला खनन की लाइव झलक दिखाई गई।
• उत्तरी उरीमारी खदान में आधुनिक तकनीक, खनन की चुनौतियों और इसके आर्थिक पहलुओं की गहन जानकारी दी गई।


खनन और पर्यटन का नया संगम

CCL अधिकारी ने कहा: “यह साझेदारी पर्यटन और खनन उद्योग के बीच एक सेतु का काम करेगी। हम JTDC के साथ मिलकर राज्य के लोगों और पर्यटकों को खनन की विरासत से जोड़ना चाहते हैं।”
JTDC अधिकारियों के अनुसार, यह केवल एक शुरुआत है। भविष्य में स्कूल-कॉलेज के छात्रों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए भी ऐसे शैक्षिक भ्रमण आयोजित किए जाएंगे।