तुंगनाथ मंदिर: भगवान शिव की पूजा का अद्भुत स्थल

तुंगनाथ मंदिर का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष स्थान है। सोमवार का दिन महादेव को समर्पित होता है, जब भक्त सुबह-सुबह उनकी आराधना करते हैं। कई श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव के मंदिरों में दर्शन करने का कार्यक्रम बनाते हैं। भारत में भगवान शिव के लिए कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें से एक प्रमुख स्थल उत्तराखंड का तुंगनाथ मंदिर है। यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है और पंच केदारों में शामिल है। इस लेख में हम तुंगनाथ मंदिर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे.
तुंगनाथ मंदिर का इतिहास
धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया था। यह मंदिर भारतीय वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तप किया था। इसके अलावा, मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने रावण का वध करने के बाद इसी स्थान पर तपस्या की थी, ताकि वह ब्रह्महत्या के दोष से मुक्त हो सकें.
चंद्रशिला मंदिर
तुंगनाथ मंदिर के निकट चंद्रशिला मंदिर स्थित है, जिसके दर्शन किए बिना तुंगनाथ की यात्रा अधूरी मानी जाती है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर है और इसकी सुंदरता अद्वितीय है। नवंबर से मार्च के बीच भारी बर्फबारी के कारण तुंगनाथ मंदिर बंद रहता है, लेकिन यह भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों में से एक है.
तुंगनाथ मंदिर कैसे पहुंचें
यदि आप तुंगनाथ मंदिर जाना चाहते हैं, तो आप हवाई, रेल या सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। हवाई मार्ग से जाने के लिए, देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा निकटतम है। यहां से आप कैब लेकर चोपता के पास पैंगर गांव तक पहुंच सकते हैं.
आप ट्रेन से भी यात्रा कर सकते हैं। नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून, हरिद्वार या ऋषिकेश हैं, जहां से आप टैक्सी या बस के माध्यम से चोपता पहुंच सकते हैं. बस सेवा भी उपलब्ध है, जिससे आप पैंगर गांव तक पहुंच सकते हैं.