तुलसी पूजा के नियम: घर में कृष्ण और राम तुलसी रखने के लाभ
तुलसी का महत्व
कृष्ण और राम तुलसी को अलग-अलग रखने से सौभाग्य, धन, स्वास्थ्य और शांति की प्राप्ति होती है। घरों में तुलसी का पौधा लगाना और उसकी पूजा करना एक सामान्य प्रथा है। तुलसी का विवाह और भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। तुलसी की दो प्रमुख किस्में होती हैं: कृष्ण तुलसी और राम तुलसी। कृष्ण तुलसी को कई स्थानों पर लक्ष्मी तुलसी भी कहा जाता है।
पूजा विधि
घर में लक्ष्मी तुलसी और विष्णु तुलसी को अलग-अलग रखना शुभ माना जाता है। इससे न केवल धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, बल्कि यह स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। इसके अलावा, यह परिवार में कलह को दूर करता है और बुरी नजर से भी बचाता है।
क्या दोनों तुलसी को एक जगह रख सकते हैं?
यह स्वाभाविक है कि यह प्रश्न उठे कि क्या दोनों तुलसी के पौधों को एक ही स्थान पर रखना चाहिए। लक्ष्मी तुलसी को एक स्थान और विष्णु तुलसी को दूसरे स्थान पर रखना उचित है। इन्हें उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, ब्रह्मस्थान या घर के सामने लगाया जा सकता है। हालांकि, इन्हें एक ही गमले में नहीं उगाना चाहिए। यदि इन्हें अलग-अलग रखकर पूजा की जाए, तो जल्दी फल प्राप्त होंगे।
तुलसी दल तोड़ते समय फॉलो करें ये नियम
तुलसी के दल तोड़ते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। तुलसी को महालक्ष्मी, महासरस्वती, और महाकाली का प्रतीक माना जाता है। इसे आदर के साथ तोड़ना चाहिए। तुलसी को कैंची से नहीं काटना चाहिए और सुबह या शाम के समय दल नहीं तोड़ने चाहिए। तुलसी के दल तोड़ते समय ॐ नमो नारायण या अष्टाक्षरी मंत्र का जाप करना चाहिए। चप्पल पहनकर तुलसी के दल नहीं तोड़ने चाहिए। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। कृष्ण तुलसी और लक्ष्मी तुलसी को घर के आंगन में रखकर विधिपूर्वक पूजा करना शुभ होता है।
विशेष उपाय
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