त्रयोदशी श्राद्ध पर राशि अनुसार भगवान शिव का अभिषेक कैसे करें
19 सितंबर को प्रदोष व्रत के अवसर पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त अपनी राशि के अनुसार भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं, जिससे पितृ ऋण से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। जानें कैसे करें अभिषेक और किस राशि के लिए कौन सा उपाय सर्वोत्तम है।
Sep 18, 2025, 05:20 IST
| 
पितृ ऋण से मुक्ति का अवसर, 19 सितंबर को प्रदोष व्रत
19 सितंबर को प्रदोष व्रत का महत्व
वैदिक पंचांग के अनुसार, 19 सितंबर को आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली कठिनाइयों का निवारण होता है। यह पर्व हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिरों में शिव परिवार की विशेष पूजा की जाती है और भक्त अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करते हैं।
भगवान शिव की पूजा भक्ति भाव से करें
यदि आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन भक्ति भाव से उनकी पूजा करें। पूजा के दौरान अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इस उपाय से पितृ ऋण से मुक्ति भी मिलती है।
राशि अनुसार अभिषेक विधि
- मेष राशि के जातक स्नान के बाद गंगाजल में शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- वृषभ राशि के जातक दूध मिश्रित गंगाजल से अभिषेक करें।
- मिथुन राशि के जातक गन्ने के रस से अभिषेक करें।
- कर्क राशि के जातक शुद्ध घी से अभिषेक करें।
- सिंह राशि के जातक गंगाजल में गुड़ और जौ मिलाकर अभिषेक करें।
- कन्या राशि के जातक गन्ने के रस से अभिषेक करें।
- तुला राशि के जातक सफेद तिल मिश्रित गंगाजल से अभिषेक करें।
- वृश्चिक राशि के जातक पंचामृत से अभिषेक करें।
- धनु राशि के जातक गाय के दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें।
- मकर राशि के जातक काले तिल मिश्रित गंगाजल या दूध से अभिषेक करें।
- कुंभ राशि के जातक साबुत उड़द मिलाकर अभिषेक करें।
- मीन राशि के जातक गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें।