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दशम श्राद्ध और हनुमान पूजा: जानें सही विधि और महत्व

16 सितंबर 2025 को दशम श्राद्ध मनाया जाएगा, लेकिन इस दिन पूजा के लिए अशुभ योग बन रहे हैं। जानें हनुमान जी की पूजा का सही तरीका और इस दिन का ज्योतिषीय महत्व। हनुमान जी की भक्ति से जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस लेख में पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत के नियमों के बारे में जानकारी दी गई है।
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दशम श्राद्ध और हनुमान पूजा: जानें सही विधि और महत्व

दशम श्राद्ध का महत्व और पूजा विधि

दशम श्राद्ध: 16 सितंबर को मनाया जाएगा, लेकिन इस दिन पूजा के लिए अशुभ योग! आश्विन मास का दशम श्राद्ध इस वर्ष 16 सितंबर 2025, मंगलवार को होगा। इस दिन पितृ पक्ष का दसवां श्राद्ध मनाया जाएगा, लेकिन आडल और विडाल योग के कारण इसे धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जा रहा है।


फिर भी, मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा और मंगल ग्रह के लिए समर्पित है। इस दिन हनुमान जी की भक्ति से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस दिन की विशेषताएँ, पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त।


16 सितंबर का ज्योतिषीय महत्व

दृक पंचांग के अनुसार, 16 सितंबर 2025 को सूर्य सिंह राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में स्थित होंगे। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 से 12:40 बजे तक रहेगा, जबकि राहुकाल दोपहर 3:20 से 4:53 बजे तक होगा। यह दिन हनुमान जी और मंगल ग्रह के लिए विशेष है।


हालांकि, आडल और विडाल योग के कारण यह दिन पूजा के लिए अनुकूल नहीं है, फिर भी हनुमान जी की भक्ति के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है।


दशम श्राद्ध और हनुमान पूजा का महत्व

स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार को बजरंगबली का जन्म हुआ था। उन्हें संकटमोचन और मंगल ग्रह का नियंत्रक माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की चिंताएँ और कष्ट दूर होते हैं।


इसके साथ ही, मंगल ग्रह से जुड़ी ज्योतिषीय समस्याएँ भी समाप्त हो सकती हैं। इस दिन भक्तों को साहस, शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।


हनुमान जी को प्रसन्न करने की विधि

हनुमान जी की पूजा के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और नित्य कर्म करें। पूजा स्थल को साफ करके एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।


हनुमान जी को लाल सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद अर्पित करें। पूजा के बाद हनुमान जी की आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें। शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है।


मंगलवार व्रत के नियम

मंगलवार के व्रत में एक बार भोजन करें और नमक का सेवन न करें। लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है, इसलिए इस दिन लाल कपड़े पहनना, लाल फल, फूल और मिठाइयाँ चढ़ाना शुभ होता है।


ज्योतिषी सलाह देते हैं कि इस दिन हनुमान मंदिर में दर्शन और पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। हनुमान जी की कृपा से भक्तों को साहस, शक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।