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दुर्गा सप्तशती का पाठ: नवरात्रि में कैसे करें और इसके लाभ

इस लेख में शारदीय नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती के पाठ की विधि और इसके लाभों के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कि किस अध्याय का पाठ कब करना चाहिए और कैसे यह आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। इस पावन पर्व पर मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए सही तरीके से पूजा करने की जानकारी प्राप्त करें।
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Kaalchakra: नवरात्रि का महत्व और दुर्गा सप्तशती का पाठ

Kaalchakra Today 23 September 2025: मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। इस वर्ष नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर से हुआ है, जो 2 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के साथ समाप्त होगा। इस दौरान व्रत रखने और माता रानी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजा के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ भी विशेष महत्व रखता है, जिसमें मां दुर्गा के तीन दिव्य रूपों—महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिन्हें विभिन्न समस्याओं के अनुसार पाठ किया जाता है। किसी खोई हुई वस्तु को पाने के लिए दुर्गा सप्तशती का पूर्ण पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।


आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे कि कब, कैसे और किन परिस्थितियों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ होता है।


दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें?

दुर्गा सप्तशती का पाठ सुबह या शाम को शांत मुद्रा में बैठकर करना श्रेष्ठ माना जाता है। पाठ शुरू करने से पहले देवी कवच के 16 मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।



कब किस दुर्गा सप्तशती के अध्याय का पाठ करें?


  • पहले अध्याय का पाठ करने से चिंताएं दूर होती हैं।

  • दूसरे अध्याय का पाठ करने से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।

  • तीसरे अध्याय का पाठ करने से मुकदमे में विजय प्राप्त होती है।

  • चौथे अध्याय का पाठ करने से मां जगदंबे के दर्शन का अवसर मिलता है।

  • पांचवे अध्याय का पाठ करने से भक्ति और शक्ति का आशीर्वाद मिलता है।

  • छठे अध्याय का पाठ करने से दुख और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।

  • सातवें अध्याय का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

  • आठवें अध्याय का पाठ करने से आकर्षण बढ़ता है।

  • नौवें और दसवें अध्याय का पाठ करने से संतान और उन्नति की प्राप्ति होती है।

  • ग्यारहवें अध्याय का पाठ करने से भौतिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं।

  • बारहवें अध्याय का पाठ करने से मान-सम्मान बढ़ता है।

  • तेरहवें अध्याय का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है。


यदि आप दुर्गा सप्तशती के पाठ से जुड़े नियम और लाभ के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।