Newzfatafatlogo

देवउठनी एकादशी 2025: पूजा विधि और महत्व

देवउठनी एकादशी 2025 का व्रत आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। जानें सायंकाल में माता तुलसी की पूजा कैसे करें, भगवान को भोग कैसे अर्पित करें और दान का महत्व क्या है। इस अवसर पर भक्तों को देवों की कृपा प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य करने चाहिए।
 | 
देवउठनी एकादशी 2025: पूजा विधि और महत्व

देवउठनी एकादशी का महत्व

Dev Uthani Ekadashi 2025 : आज देवउठनी एकादशी का व्रत पूरे भारत में मनाया जा रहा है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास का समापन होता है। इस अवसर पर भक्त देवताओं को जागृत करते हैं। सायंकाल में माता तुलसी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा के दौरान भक्ति गीत गाकर देवों की कृपा प्राप्त की जाती है।


सायंकाल में करने योग्य कार्य

माता तुलसी की पूजा करें
तुलसी के पौधे के चारों ओर की जगह को साफ करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी का ध्यान करें। तुलसी की 7 बार परिक्रमा करें और हर बार ‘ॐ नमो भगवते नारायणाय’ का जाप करें।


भगवान को भोग अर्पित करें
भगवान विष्णु को भोग में तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करें। सफेद बर्फी या बताशे भी अर्पित किए जा सकते हैं।


दान करें
इस दिन किया गया दान अत्यंत शुभ माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को शॉल, स्वेटर या कंबल जैसी गर्म वस्त्र दान करें। इसके अलावा, पीली वस्तुएं जैसे चने की दाल या हल्दी का भी दान करना लाभकारी होता है।