नवरात्रि के अवसर पर माता भ्रामरी धाम में श्रद्धालुओं की भीड़

नवरात्रि की शुरुआत पर भ्रामरी माता का पूजन
जींद में शारदीय नवरात्रि के आगमन पर देवभूमि बनभौरी माता भ्रामरी शक्तिपीठ में कंजक पूजन के साथ नवरात्रि की पूजा-अर्चना की गई। यह स्थान 400 वर्षों से माता की अखंड ज्योत के लिए प्रसिद्ध है। यहां देश-विदेश से श्रद्धालु पूजा करने आते हैं। यहां नवजात शिशुओं के सिर के बाल उतरवाने और नवविवाहित जोड़ों की पूजा करने की परंपरा है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में महिला और पुरुष सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई है। नवरात्र की पूर्व संध्या से ही श्रद्धालु मंदिर में पहुंचने लगे थे। भंडारे और अन्य सुविधाओं के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा के लिए पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
मंदिर परिसर में महिलाएं माता के भजनों पर झूमती रहीं, और मंदिर को फूलों से सजाया गया। यहां एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है।
श्रद्धालुओं के लिए खुला आमंत्रण
मां भ्रामरी देवी शक्तिपीठ के संस्थापक सुरेंद्र कौशिक ने बताया कि श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे किसी विशेष दिन का इंतजार न करें। नवरात्रि के सभी दिन माता के दर्शन के लिए शुभ हैं। इस बार माता हाथी पर सवार होकर आई हैं, जो व्यापार और देश के लिए शुभ संकेत है।
श्रद्धालुओं के लिए बस स्टैंड पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
मनोकामना पूर्ति के लिए धागा बांधने की परंपरा
मंदिर परिसर में बेरीगेट्स लगाए गए हैं ताकि श्रद्धालु लाइन में लगकर दर्शन कर सकें। दर्शन के बाद श्रद्धालु भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालु धागा बांधते हैं, जिसे बाद में खोलते हैं। नवरात्रि में व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम दो व्रत रखने की सलाह दी गई है।
इस अवसर पर पुजारी रामनिवास कौशिक, सतबीर कौशिक, शिवकुमार कौशिक, श्याम लाल कौशिक, राजेश कौशिक, नवरत्न कौशिक, पूर्व पार्षद विकास, और अमित कापड़ो भी उपस्थित थे।