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नवरात्रि व्रत के स्वास्थ्य लाभ: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

नवरात्रि का पर्व केवल भक्ति का समय नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य को सुधारने का एक बेहतरीन अवसर भी है। इस लेख में जानें कि कैसे नवरात्रि व्रत आपके शरीर और मन को डिटॉक्स करता है, पाचन तंत्र को आराम देता है, और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। आयुर्वेद के अनुसार, सही तरीके से व्रत रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वजन नियंत्रित रहता है। इस नवरात्रि, व्रत को केवल आस्था के लिए नहीं, बल्कि अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए भी अपनाएं।
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नवरात्रि व्रत के स्वास्थ्य लाभ: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

नवरात्रि व्रत के स्वास्थ्य लाभ

Navratri Fast Benefits Ayurvedic health: नई दिल्ली: नवरात्रि का पर्व केवल भक्ति का समय नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य को सुधारने का एक बेहतरीन अवसर भी है। इस नौ दिवसीय अनुष्ठान में मां दुर्गा की पूजा के साथ व्रत रखने की परंपरा है।


क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार नवरात्रि का व्रत आपके शरीर और मन को डिटॉक्स करने का एक प्रभावी तरीका है? इस दौरान सेवन किया जाने वाला सात्विक आहार न केवल पाचन तंत्र को आराम देता है, बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर नई ऊर्जा भी प्रदान करता है।


आयुर्वेदिक गाइनकोलॉजिस्ट और फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा (MD Ayurveda, Director – Aasha Ayurveda) के अनुसार, सही तरीके से व्रत रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, वजन नियंत्रित रहता है और शरीर अंदर से शुद्ध होता है। आइए, नवरात्रि व्रत के आयुर्वेदिक फायदों पर एक नजर डालते हैं।


पाचन तंत्र को मिलता है आराम

डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, आयुर्वेद में पाचन अग्नि को स्वास्थ्य की नींव माना जाता है। रोजाना तले-भुने और मसालेदार भोजन से यह अग्नि कमजोर हो सकती है। नवरात्रि के व्रत में जब आप फल, दूध, कुट्टू का आटा और साबूदाना जैसे हल्के और पौष्टिक आहार लेते हैं, तो पाचन तंत्र को आराम मिलता है। इससे शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं, जिससे पाचन शक्ति में सुधार होता है।


मन और इन्द्रियों पर नियंत्रण

नवरात्रि व्रत का प्रभाव केवल शरीर पर नहीं, बल्कि मन पर भी पड़ता है। पूजा-पाठ और साधना के दौरान मन शांत रहता है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है और विचार स्पष्ट होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मन और शरीर का संतुलन रोगों से जल्दी ठीक होने में मदद करता है। इस दौरान की गई साधना से मानसिक शांति मिलती है, जो तनाव को कम करती है।


शरीर रहता है हाइड्रेटेड

व्रत के दौरान खाए जाने वाले फल और दूध जैसे आहार में पानी की मात्रा अधिक होती है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और कोशिकाओं का पुनर्जनन करता है। जब शरीर में नमी बनी रहती है, तो विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकलते हैं, जिससे त्वचा पर प्राकृतिक निखार आता है। यह आपके शरीर को तरोताजा और स्वस्थ रखने का एक सरल तरीका है।


सकारात्मक ऊर्जा और माइंडफुलनेस

नवरात्रि में तामसिक भोजन (जैसे प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा) से परहेज और सात्विक आहार लेने से शरीर हल्का रहता है। यह सात्विक भोजन न केवल पाचन को बेहतर बनाता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। यही कारण है कि व्रत के दौरान लोग अधिक शांत और ऊर्जावान महसूस करते हैं। यह आपके मन को स्थिर और सकारात्मक बनाए रखता है।


वजन कंट्रोल और बेहतर मेटाबॉलिज्म

डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि आयुर्वेद में रोगों का इलाज शरीर के दोषों को संतुलित करके किया जाता है। नवरात्रि व्रत के दौरान मेटाबॉलिज्म तेज होता है और पाचन शक्ति में सुधार होता है। इससे वजन नियंत्रित रहता है, जिससे मोटापे से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हृदय समस्याओं से बचाव होता है। यह व्रत आपके शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में मदद करता है।


नवरात्रि व्रत: सेहत का खजाना

नवरात्रि व्रत केवल धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि आयुर्वेद के अनुसार यह शरीर और मन को रिचार्ज करने का एक बेहतरीन तरीका है। यह पाचन को सुधारता है, शरीर को हाइड्रेट रखता है, इन्द्रियों को नियंत्रित करता है और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इस नवरात्रि, व्रत को केवल आस्था के लिए नहीं, बल्कि अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए भी अपनाएं।


महत्वपूर्ण नोट

इस लेख में दिए गए सुझाव केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस प्रोग्राम या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।