नाग पंचमी 2025: जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें

नाग पंचमी का महत्व
Nag Panchami 2025: सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन नाग देवता की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा अर्पित करने के लिए समर्पित होता है। नागों की आराधना करने से जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य का संचार होता है।
नाग पंचमी पर क्या न करें
नाग पंचमी पर उपवास रखने के साथ-साथ कुछ विशेष नियमों और परंपराओं का पालन किया जाता है। इस दिन कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें करने की सख्त मनाही होती है, क्योंकि ऐसा करने से नाग देवता अप्रसन्न हो सकते हैं। आइए जानते हैं नाग पंचमी पर किन चीजों को करने से बचना चाहिए और किन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
क्यों नहीं बनती नाग पंचमी पर रोटी?
नाग पंचमी के दिन चूल्हे पर लोहे की कड़ाही या तवा नहीं चढ़ाया जाता। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन तवे या कड़ाही में रोटी बनाना अशुभ माना जाता है। साथ ही लोहे के बर्तन या अन्य वस्तुएं खरीदने से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह नाग देवता को नाराज कर सकता है।
सिलाई-कढ़ाई करना वर्जित
नाग पंचमी के दिन किसी भी प्रकार की सिलाई या कढ़ाई नहीं करनी चाहिए। दरअसल, यह कार्य सुई जैसे नुकीले वस्त्रों के इस्तेमाल से होता है और ऐसी वस्तुएं इस दिन वर्जित मानी जाती हैं। मान्यता है कि नुकीली चीजों का उपयोग नागों को कष्ट पहुंचा सकता है, जिससे भगवान शेषनाग नाराज हो सकते हैं।
इस दिन क्यों नहीं बनतीं साग और हरी सब्जियां?
नाग पंचमी के दिन साग या हरी पत्तेदार सब्जियों को काटकर खाना भी वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हरी चीजों को काटने से पृथ्वी में रहने वाले जीवों को नुकसान हो सकता है, खासतौर पर नागों को। इसलिए इस दिन साग बनाने से बचना चाहिए।
नाग पंचमी के दिन सांप दिखना शुभ
अगर नाग पंचमी के दिन किसी को सांप दिखाई दे जाए, तो इसे बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। मान्यता है कि यह भगवान शिव की विशेष कृपा का प्रतीक है और इससे व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ मिल सकता है।
क्या कर सकते हैं जमीन की खुदाई?
नाग पंचमी के दिन घर में या बाहर कहीं भी खुदाई करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सांपों के बिलों को नुकसान पहुंच सकता है। मिट्टी के नीचे नागों के निवास स्थान होते हैं और खुदाई करने से उनके जीवन पर संकट आ सकता है।
बाल धोने को लेकर क्या है नियम?
नाग पंचमी के दिन बाल धोने की कोई मनाही नहीं है। इस दिन लोग स्नान कर पूजा करते हैं और शुद्धता बनाए रखने के लिए बाल धोना पूरी तरह से स्वीकार्य है।