निर्जला एकादशी 2025: दान करने के लिए शुभ वस्तुएं और पारण विधि

निर्जला एकादशी का महत्व
Nirjala Ekadashi 2025 Daan: वर्ष की सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और देवी तुलसी की पूजा की जाती है। इस अवसर पर व्रत रखा जाता है, जो 24 घंटे से अधिक समय तक चलता है, जिसमें अन्न और जल का सेवन नहीं किया जाता है। इस वर्ष, निर्जला एकादशी 6 जून 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
एकादशी पर दान करने के लिए शुभ वस्तुएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी पर दान करने से साधक को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं उन 10 वस्तुओं के बारे में, जिनमें से किसी एक का दान करने से साधक को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है:
- जल दान (शरबत या नींबू पानी)
- हल्दी
- पंखा
- फल (खरबूजा, तरबूज, आम, केला, ककड़ी या खजूर)
- छाता
- अनाज
- वस्त्र
- मिठाई (लड्डू या बूंदी)
- सूखे मेवे
- घड़ा
निर्जला एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए?
- अन्न का सेवन न करें।
- तुलसी को न छूएं।
- बाल और नाखून न काटें।
- शेविंग न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- व्रत का पारण करने से पहले सोएं नहीं।
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:02 से 04:42 तक
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:52 से 12:48 तक
- सायाह्न सन्ध्या मुहूर्त: शाम 07:17 से 08:18 तक
- अमृत काल: प्रात: 02:26 से 04:14 तक (7 जून 2025)
- पारण का समय: दोपहर 01:44 से 04:31 तक (7 जून 2025)
निर्जला एकादशी का पारण कैसे करें
निर्जला एकादशी के पारण के लिए सात्विक भोजन तैयार करें, जिसमें चावल, लौकी और चने की दाल शामिल होनी चाहिए। भोजन से पहले पानी के साथ तुलसी का पत्ता खाएं।