निर्जला एकादशी 2025: व्रत के नियम और दान का महत्व
निर्जला एकादशी का महत्व
Kaalchakra Today: आज 6 जून 2025 को ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, साथ ही देवी तुलसी और मां लक्ष्मी की आराधना भी की जाती है। यह व्रत कठिन होता है क्योंकि इसमें सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक जल और अन्न का सेवन नहीं किया जाता। कुछ लोग इस दौरान कुछ चीजों का सेवन कर लेते हैं, जिससे उनका व्रत टूट जाता है।
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:52 से दोपहर 12:48 तक
- चित्रा नक्षत्र: सुबह 6:34 से शुरू हो चुका है
- व्यतीपात योग: सुबह 10:13 मिनट तक
- राहुकाल: सुबह 10:30 से दोपहर 12 बजे तक
- यमगण्ड काल: दोपहर 15:48 से शाम 5:33 तक
- भद्रा: 6 जून को प्रातः 2:15 से लेकर 7 जून 2025 को प्रातः 4:47 मिनट तक
निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि
निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि
- विष्णु जी की विधि-विधान से पूजा करें।
- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
- निर्जला एकादशी की कथा को पढ़ें या सुनें।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- विष्णु जी को पीले फल, फूल और पकवान का भोग लगाएं।
- लाल फूलों की माला चढ़ाएं।
- धूप, दीप, फल और नैवेध अर्पित करके विष्णु जी की आरती करें।
- तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल चढ़ाएं। पेड़ की परिक्रमा करें और शाम को उनके पास दीपक जलाएं।
निर्जला एकादशी पर दान का महत्व
निर्जला एकादशी पर किन चीजों का करें दान?
जो लोग निर्जला एकादशी का व्रत नहीं रख पा रहे हैं, उन्हें दान करना चाहिए। इससे महापुण्य की प्राप्ति होती है। आज अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शक्कर, शय्या, पंखा, छाता या फल का दान करें। नमक का दान भी शुभ माना जाता है, जिससे बुरा समय दूर होता है और भोजन की कमी नहीं रहती है।
निर्जला एकादशी व्रत के नियम
निर्जला एकादशी व्रत के नियम
- व्रत में फलों का रस, दूध, फलाहार, मेवे, चीनी, मिश्री, गुड़, कट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, नारियल, जैतून, अदरक, काली मिर्च और सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है।
- एकादशी में तिल का सेवन किया जा सकता है।
- घर में शांति का वातावरण बनाए रखें और किसी से झगड़ा न करें।
- माता-पिता और जीवनसाथी का सम्मान करें।
- द्वादशी वाले दिन सूर्योदय के बाद जरूरतमंदों को भोजन कराएं और अपनी क्षमतानुसार दान दें।
- व्रत के दौरान बाजरा, जौ, मैदा, चावल, उड़द, दाल, आटा, मटर, छोले और अन्य वस्तुओं का सेवन न करें।
- नमक, बेकिंग सोडा, बेकिंग पाउडर, कस्टर्ड और मिठाईयों का प्रयोग न करें।
- एकादशी व्रत के भोजन में हींग, मेथी, लौंग, सरसों, इमली, सौंफ, इलायची और जायफल नहीं होने चाहिए।
उपायों के बारे में जानें
यदि आप निर्जला एकादशी के दिन करने वाले उपायों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।