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निर्जला एकादशी 2025: शुभकामनाएं, संदेश और महत्व

निर्जला एकादशी 2025, जो 6 मई को मनाई जाएगी, भगवान विष्णु की भक्ति का प्रतीक है। इस दिन व्रती बिना जल और भोजन के उपवास रखते हैं। यह अवसर न केवल आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने का है, बल्कि अपनों के साथ शुभकामनाएं साझा करने का भी है। जानें इस विशेष दिन के महत्व, शुभकामनाएं और संदेश, जो आपके प्रियजनों को भेज सकते हैं।
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निर्जला एकादशी 2025: शुभकामनाएं, संदेश और महत्व

निर्जला एकादशी का महत्व

निर्जला एकादशी, जिसे सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है, सभी एकादशियों में सबसे कठिन और फलदायी मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु की भक्ति और आत्म-संयम का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस एक व्रत को करने से 24 एकादशियों के व्रत का पुण्य प्राप्त होता है।


निर्जला एकादशी 2025 की तिथि

इस वर्ष, निर्जला एकादशी 6 मई 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन व्रती बिना जल और भोजन के कठिन उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा में लीन रहते हैं। यह दिन आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ अपनों के साथ शुभकामनाएं साझा करने का भी अवसर प्रदान करता है।


निर्जला एकादशी के शुभकामना संदेश

विष्णु की भक्ति से मुझे नूर मिलता है,
मेरे नहीं सबके दिलों को सुकून मिलता है,
जो भी लेता है दिल से हरि का नाम,
भगवान का आशीर्वाद हर किसी को जरूर मिलता है।
निर्जला एकादशी 2025 की शुभकामनाएं।


निर्जला एकादशी की शायरी

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।
आपके सभी संकट भगवान विष्णु क्षण में दूर करें।
निर्जला एकादशी 2025 की शुभकामनाएं।


निर्जला एकादशी का व्रत

निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी या भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है, क्योंकि महाभारत के भीम ने इस व्रत को पूर्ण भक्ति के साथ किया था। इस दिन व्रती सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना पानी और भोजन के उपवास रखते हैं, जो आत्म-नियंत्रण और भक्ति का प्रतीक है।


व्रत का पालन

इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर पूजा करते हैं। मंत्र जाप, विष्णु सहस्रनाम का पाठ और दान-पुण्य इस व्रत के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।


शुभकामनाएं साझा करना

निर्जला एकादशी का यह पवित्र अवसर अपनों के साथ शुभकामनाएं साझा करने का भी समय है। आप अपने परिवार और दोस्तों को भेज सकते हैं, जैसे: “निर्जला एकादशी के पावन पर्व पर भगवान विष्णु आप पर अपनी कृपा बरसाएं। आपके व्रत और भक्ति को स्वीकार करें। शुभकामनाएं!”