नूंह में महिला की नसबंदी: अस्पताल में हुई चौंकाने वाली घटना

डॉक्टरों ने बिना जानकारी के की नसबंदी
नूंह: हरियाणा के नूंह में एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने एक महिला की बिना उसकी जानकारी के नसबंदी कर दी। यह घटना तब सामने आई जब महिला गर्भ में बच्चे के खराब होने के कारण अबॉर्शन कराने आई थी। स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है और मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
महिला तावडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गई थी, जहां डॉक्टरों ने उसे अबॉर्शन कराने के लिए भर्ती किया। लेकिन कुछ समय बाद, बिना उसकी अनुमति के, डॉक्टरों ने उसकी नसबंदी कर दी। जब महिला को होश आया, तब उसे इस बात की जानकारी दी गई।
परिजनों का हंगामा
जब महिला के परिजनों को इस घटना का पता चला, तो उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया। इसके बाद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रवर चिकित्सा अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी नसबंदी को फिर से खोला जाएगा। महिला को नल्हड़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने नसबंदी खोलने से मना कर दिया।
परिजनों ने महिला को अल-आफिया अस्पताल, मांडीखेड़ा भी ले जाया, लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी। नल्हड़ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कहा कि महिला के खून की कमी है, इसलिए वे नसबंदी नहीं खोल सकते।
स्वास्थ्य केंद्र में फिर से हंगामा
परिजनों ने फिर से तावडू स्वास्थ्य केंद्र में जाकर हंगामा किया। प्रवर चिकित्सा अधिकारी ने उन्हें लिखित में आश्वासन दिया कि तीन महीने बाद उनकी नसबंदी खोली जाएगी और इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, डॉक्टर अपनी लापरवाही मानने को तैयार नहीं हुए।
समाचार लिखे जाने तक इस मामले का कोई समाधान नहीं हुआ। प्रवर चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
महिला की पारिवारिक स्थिति
महिला के पहले से तीन बेटियां हैं और वह बेटे की चाहत रखती है। परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए महिला को विभिन्न अस्पतालों में भटकाया। बिना अनुमति के अबॉर्शन और नसबंदी करना न केवल कानूनी उल्लंघन है, बल्कि यह महिला के प्रजनन अधिकारों का भी हनन है।