नेपाल की कुमारी देवी: जीवित देवी की अनोखी परंपरा

नेपाल की कुमारी देवी परंपरा
Nepal Kumari Devi: नेपाल की कुमारी देवी परंपरा विश्व की सबसे अनोखी और रहस्यमयी सांस्कृतिक परंपराओं में से एक है। यह प्रथा नेपाल के नेवारी समुदाय, विशेष रूप से शाक्य और वज्राचार्य जातियों से जुड़ी है, जो हिंदू और बौद्ध धर्म के मिश्रण को दर्शाती है। कुमारी देवी को महाकाली या तालेजू भवानी का जीवित अवतार माना जाता है, जो नेपाल के लोगों के लिए शक्ति और रक्षा का प्रतीक हैं।
कुमारी देवी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
कुमारी देवी की परंपरा 12वीं या 13वीं शताब्दी से मल्ल वंश के समय शुरू हुई थी। पौराणिक कथा के अनुसार, मल्ल राजा जयप्रकाश मल्ला देवी तालेजू के साथ शतरंज खेला करते थे। एक बार राजा ने देवी को मानवीय भावनाओं से देखा, जिससे क्रोधित होकर देवी ने कहा कि वे अब उनकी पूजा स्वीकार नहीं करेंगी। इसके बाद में राजा को अपनी भूला का ज्ञान हुआ तब उन्होंने देवी से क्षमा मांगी। इस पर देवी ने सपने में राजा को निर्देश दिया कि वे शाक्य या वज्राचार्य समुदाय की एक बच्ची का चयन करें, जिसमें वे अवतरित होंगी तब से यह परंपरा चली आ रही है, जिसमें एक बच्ची को कुमारी के रूप में चुना जाता है और मासिक धर्म शुरू होने तक उसकी पूजा की जाती है।
कुमारी का चयन कैसे होता है?
कैसे होता कुमारी का चयन?
कुमारी देवी की चयन प्रक्रिया बेहद कठिन होती है। कुमारी के लिए चुनी जाने वाली लड़की की उम्र आमतौर पर 2 से 4 वर्ष के बीच होती है। उसके शरीर पर कोई दाग, घाव या शारीरिक दोष नहीं होना चाहिए। परंपरागत रूप से, लड़की में 32 शारीरिक लक्षण होने चाहिए। इनमें जैसे बरगद के पेड़ जैसा शरीर, गाय की तरह पलकें, हिरण जैसी जांघें, शेरनी जैसी छाती और बत्तख जैसी कोमल आवाज होनी चाहिए। लड़की की जन्म कुंडली का गहन अध्ययन किया जाता है। इसमें ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी देखी जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो कि वह देवी के अवतार के लिए उपयुक्त है।
कुमारी के भाव और जीवनशैली
बच्ची का हंसना और रोना है खास संकेत
कुमारी के भावों को नेपाल में विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि उनके हंसने या रोने का विशेष संकेत होता है। यदि कुमारी किसी भक्त को देखकर हंसती है, तो इसे सौभाग्य और समृद्धि का संकेत माना जाता है। यह दर्शाता है कि देवी प्रसन्न हैं और भक्त को उनका आशीर्वाद प्राप्त है। यदि कुमारी रोती है तो इसे अशुभ माना जाता है। यह संकेत किसी कठिनाई या आपदा का हो सकता है।
कुमारी देवी की जिम्मेदारियां
क्या होती हैं कुमारी देवी की जिम्मेदारियां?
कुमारी देवी का मुख्य कार्य भक्तों को आशीर्वाद देना और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना है। वह नेपाल के सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इंद्रजात्रा त्योहार के दौरान कुमारी देवी की पालकी को शहर में घुमाया जाता है और माना जाता है कि उनके दर्शन से सौभाग्य प्राप्त होता है।