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परिवर्तिनी एकादशी: सौभाग्य प्राप्ति के उपाय और पूजा विधि

परिवर्तिनी एकादशी, जो भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी है, इस बार 3 सितंबर को मनाई जा रही है। इस दिन व्रत करने से पापों से मुक्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जानें इस दिन की पूजा विधि, विशेष उपाय और खीर का भोग कैसे अर्पित करें।
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परिवर्तिनी एकादशी: सौभाग्य प्राप्ति के उपाय और पूजा विधि

परिवर्तिनी एकादशी के महत्व

परिवर्तिनी एकादशी के उपाय: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है, जो इस वर्ष 3 सितंबर, बुधवार को मनाई जा रही है। यह व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन तुलसी के पत्तों का भोग भगवान को अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा, कुछ विशेष उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें शाम के समय करने से व्यक्ति के जीवन से दुर्भाग्य दूर हो जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।


संध्या पूजा विधि

संध्या पूजा:
संध्या पूजा के दौरान भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें और ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।


करियर में सफलता के लिए उपाय

करियर में सफलता:
विष्णुजी का मंत्र जाप करने से व्यक्ति को अपने जीवन और करियर में सफलता प्राप्त हो सकती है।


आरती और भोग

कपूर की आरती:
संध्या पूजा में भगवान विष्णु की आरती में कपूर का उपयोग अवश्य करें।


खीर का भोग:
संध्या समय में भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और इसे प्रसाद के रूप में बच्चों में बांट दें।