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पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा का भव्य मंदिर निर्माण की शुरुआत

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मां दुर्गा के सबसे बड़े मंदिर की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने तुष्टिकरण के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं। उन्होंने गंगासागर में पुल निर्माण की योजना का भी उल्लेख किया और राज्य में चल रही एसआईआर प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की। जानें इस ऐतिहासिक कदम के बारे में और क्या योजनाएं हैं ममता के पास।
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पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा का भव्य मंदिर निर्माण की शुरुआत

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रखी आधारशिला

कोलकाता। दीघा में जगन्नाथ धाम की स्थापना के बाद अब पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा का सबसे बड़ा मंदिर बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को इस मंदिर की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने तुष्टिकरण के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'कई लोग मुझ पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं एक सेकुलर व्यक्ति हूं और सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। मुझे बंगाल और भारत से प्रेम है, यही मेरी विचारधारा है।'


भाजपा ने ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है, हालांकि उन्होंने भाजपा का नाम नहीं लिया। ममता ने कहा, 'जब मैं गुरुद्वारे जाती हूं, तो कोई कुछ नहीं कहता, लेकिन जब मैं ईद के कार्यक्रम में शामिल होती हूं, तो मेरी आलोचना शुरू हो जाती है। यह उचित नहीं है।' इससे पहले, ममता ने कोलकाता के न्यू टाउन में देवी दुर्गा को समर्पित एक सांस्कृतिक परिसर और दुर्गा आंगन की आधारशिला रखी। इस मंदिर का निर्माण 232 करोड़ रुपए की लागत से होगा.


पुल निर्माण और अन्य योजनाएं

ममता ने अपने भाषण में कहा कि हर व्यक्ति का लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने आगे कहा, 'मैं केंद्र सरकार से गंगासागर में एक पुल बनाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब मैं इसे स्वयं बनवाऊंगी। मैं पांच जनवरी को इसका शिलान्यास करूंगी और अगले दो वर्षों में यह पुल जनता के लिए तैयार हो जाएगा। जनवरी के दूसरे हफ्ते में हम सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर का शिलान्यास करने जा रहे हैं।' ममता बनर्जी ने राज्य में चल रही एसआईआर प्रक्रिया पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि लोग बेवजह परेशान हो रहे हैं और जानमाल का नुकसान भी हो रहा है।