पाकिस्तान और ईरान के बीच बढ़ते संबंध: आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग की नई दिशा

पाकिस्तान और ईरान के रिश्तों में नई गर्मजोशी
हाल के दिनों में पाकिस्तान और ईरान के बीच संबंधों में एक नई गर्माहट देखने को मिली है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन का हालिया दौरा पाकिस्तान में दोनों देशों के आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। इस यात्रा के दौरान, पाकिस्तान ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम का समर्थन किया, जो वैश्विक स्तर पर विवाद का विषय बना हुआ है। यह बयान तब आया है जब अमेरिका और इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं।
ईरानी राष्ट्रपति का स्वागत
3 अगस्त 2025 को इस्लामाबाद में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उप-प्रधानमंत्री इशाक डार हवाई अड्डे पर मौजूद थे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को और मजबूत करना था। इस दौरान, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर चर्चा की।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम का समर्थन
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के अधिकार का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान को यह अधिकार है कि वह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग करे। यह बयान उस समय महत्वपूर्ण है, जब अमेरिका और इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं। शरीफ ने इजरायल के हालिया हमलों की निंदा करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया।
समझौतों की श्रृंखला
शरीफ ने ईरान की सैन्य और जनता की बहादुरी की प्रशंसा की, विशेषकर उनके मिसाइल हमलों के जवाब में जिसने इजरायल की रक्षा प्रणाली को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और ईरान आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और इस मुद्दे पर दोनों देशों का दृष्टिकोण समान है। इस दौरे के दौरान, दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 3 अरब डॉलर से बढ़ाकर 10 अरब डॉलर तक ले जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा। दोनों पक्षों ने व्यापार, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सूचना और संचार, संस्कृति, कला, पर्यटन, जलवायु और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में 12 समझौतों और सहमति पत्रों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए।