पावागढ़ कालीका माता मंदिर: शक्ति पीठ का अद्भुत अनुभव
पावागढ़ कालीका माता मंदिर, जो गुजरात के पंचमहल ज़िले में स्थित है, एक प्रमुख शक्ति पीठ है। यह मंदिर समुद्र तल से 800 मीटर ऊँचाई पर है और श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहाँ देवी कालीका माता की पूजा होती है, और इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। नवरात्रि के दौरान यहाँ लाखों भक्त आते हैं। मंदिर की विशेषताएँ, उत्सव, और साहसिक गतिविधियाँ इसे एक अद्भुत पर्यटन स्थल बनाती हैं। जानें कैसे पहुँचे और यहाँ के आकर्षण के बारे में।
Sep 3, 2025, 13:09 IST
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पावागढ़ कालीका माता मंदिर का परिचय
गुजरात के पंचमहल ज़िले में स्थित पावागढ़ कालीका माता मंदिर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है। समुद्र तल से लगभग 800 मीटर ऊँची पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं, पर्यटकों और साहसिक यात्रियों सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहाँ देवी कालीका माता की पूजा होती है और मान्यता है कि यहाँ सती का दायां पैर गिरा था, जिसके कारण यह स्थान शक्ति पीठ कहलाता है।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
पावागढ़ का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है। इस मंदिर को शक्ति साधना और तांत्रिक परंपरा का प्रमुख केंद्र माना जाता है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार, यहाँ पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह स्थल चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान का हिस्सा है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
मंदिर की विशेषताएँ
मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहाँ पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं या फिर रोपवे का सहारा लिया जा सकता है। गर्भगृह में देवी कालीका माता की प्रतिमा प्रतिष्ठित है, जिन्हें लाल रंग के वस्त्र और आभूषण पहनाए जाते हैं। मंदिर से आसपास की हरियाली, पहाड़ और दूर-दूर तक फैले प्राकृतिक नज़ारे दिखाई देते हैं।
उत्सव और धार्मिक आयोजन
नवरात्रि पर्व पर यहाँ लाखों श्रद्धालु आते हैं। भक्ति संगीत, गरबा और देवी की आराधना से पूरा परिसर गूंज उठता है। पूरे वर्ष विभिन्न अवसरों पर यहाँ मेले और धार्मिक आयोजन होते रहते हैं।
साहसिक और पर्यटन आकर्षण
मंदिर तक पहुँचने का रास्ता रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। रोपवे की सवारी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए खास अनुभव देती है। चंपानेर का किला, जामा मस्जिद और अन्य पुरातात्विक धरोहरें भी पास ही स्थित हैं, जिन्हें देखकर पर्यटक इतिहास और संस्कृति का आनंद ले सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
निकटतम हवाई अड्डा: वडोदरा (लगभग 50 किमी)
रेलवे स्टेशन: हलोल और वडोदरा
सड़क मार्ग: अहमदाबाद, वडोदरा और गोधरा से सड़क द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
निष्कर्ष
पावागढ़ कालीका माता मंदिर श्रद्धा, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है। यह मंदिर न केवल शक्ति साधना का पावन धाम है, बल्कि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ आकर श्रद्धालु देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और पर्यटक संस्कृति तथा प्रकृति दोनों का अद्भुत अनुभव करते हैं।