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पितृ ऋण: समस्याएं और मुक्ति के उपाय

पितृ ऋण एक महत्वपूर्ण विषय है जो व्यक्ति के कर्मों से जुड़ा होता है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु उसके बुरे कर्मों का फल भोगने से पहले होती है, तो उसके परिवार को इसका बोझ उठाना पड़ता है। इस लेख में पितृ ऋण से जुड़ी समस्याओं का उल्लेख किया गया है, जैसे संतान का न होना और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं। साथ ही, पितृ ऋण से मुक्ति के उपाय भी बताए गए हैं, जिनमें धार्मिक पाठ, दान और वृक्षारोपण शामिल हैं। जानें कैसे आप इन उपायों को अपनाकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
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पितृ ऋण का महत्व

Kaalchakra Today 18 August 2025: शास्त्रों के अनुसार, हर व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु उसके बुरे कर्मों का फल भोगने से पहले होती है, तो उसका पितृ ऋण उसके परिवार के सदस्यों को चुकाना पड़ता है। इसे पितृ ऋण कहा जाता है। यदि समय पर इसे चुकाया नहीं जाता, तो व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कुछ उपायों को अपनाकर इस ऋण से मुक्ति पाई जा सकती है।


पितृ ऋण के कारण उत्पन्न समस्याएं

पितृ ऋण के कारण होती हैं ये समस्याएं



  • संतान का न होना

  • बार-बार गर्भपात होना

  • संतान के बार-बार बीमार पड़ने की समस्या

  • संतान की मानसिक स्थिति का असामान्य रहना

  • संतान का गलत संगति में फंसना

  • समाज में मान-सम्मान की कमी

  • नौकरी बार-बार छूटना

  • दुर्घटनाओं का बार-बार होना


पितृ ऋण से बचने के उपाय

पितृ ऋण है तो इन बातों का रखें ध्यान



  • अमावस्या पर मांसाहार और शराब से दूर रहें।

  • तामसिक कर्मों से बचें।

  • दिवंगत पितरों के प्रति अपशब्द न कहें।

  • पितरों की तस्वीरों को साफ और पवित्र स्थान पर रखें।

  • बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें।

  • किसी को भूखा न जाने दें।

  • बुजुर्गों का सम्मान करें।

  • किसी को अपशब्द न बोलें।

  • पूर्वजों की संपत्ति का सम्मान करें।

  • गंदगी और अव्यवस्था से दूर रहें।


पितृ ऋण से मुक्ति के उपाय

पितृ ऋण से छुटकारा पाने के उपाय



  • श्रीमद्भागवत, गरुड़ पुराण या रामचरितमानस का पाठ करें।

  • जल कल्याण कार्य करें।

  • वृक्षारोपण या जल का दान करें।

  • अमावस्या के दिन मंदिर में चीनी, दूध, सफेद कपड़े और धन का दान करें।

  • 108 दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।

  • श्राद्ध पक्ष में 15 दिन तक श्राद्ध करें।

  • ग्रहण और श्राद्ध पक्ष में दान करें।

  • यदि किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो पिंडदान कराएं।

  • नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ कराएं।

  • घर में पितृ दोष निवारण यंत्र स्थापित करें।


वीडियो देखें

यदि आप पितृ ऋण से बचने के अन्य उपायों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।