Newzfatafatlogo

पितृ पक्ष में रात के उपाय: जीवन के कष्टों से मुक्ति के लिए करें ये सरल उपाय

पितृ पक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण समय है, जिसमें पितरों को समर्पित अनुष्ठान किए जाते हैं। इस लेख में हम रात के समय किए जाने वाले कुछ विशेष उपायों के बारे में जानेंगे, जो जीवन के सभी कष्टों को समाप्त करने में मदद कर सकते हैं। जानें कैसे पीपल के नीचे दीपक जलाना, दक्षिण दिशा में दीपक रखना, कौए और कुत्तों को भोजन कराना, और पितरों का ध्यान करना आपके जीवन में सकारात्मकता ला सकता है।
 | 
पितृ पक्ष में रात के उपाय: जीवन के कष्टों से मुक्ति के लिए करें ये सरल उपाय

पितृ पक्ष के महत्व और उपाय


पितृ पक्ष का महत्व
पितृ पक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण समय है, जो पितरों को समर्पित है। यह 15 दिनों की अवधि होती है, जिसमें पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। मान्यता है कि इस समय पितृ धरती पर आते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान रात के समय कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं, जो जीवन के सभी कष्टों को समाप्त करने में सहायक होते हैं।


विशेष उपाय



  • पीपल के नीचे दीपक जलाना: पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि पीपल में पितरों का निवास होता है। विशेषकर सर्व पितृ अमावस्या की रात, पीपल के नीचे दीपक जलाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

  • दक्षिण दिशा में दीपक रखना: घर की दक्षिण दिशा में पितरों का वास होता है। इसलिए, पितृ पक्ष के दौरान रोजाना इस दिशा में दीपक जलाना चाहिए। इसमें सरसों का तेल डालकर इसे पितरों को समर्पित करें। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।

  • कौए और कुत्तों को भोजन कराना: रात में भोजन करने से पहले, पितरों के लिए एक थाली में भोजन निकालें और इसे कौए या कुत्तों को दें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ इन रूपों में भोजन ग्रहण करते हैं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में अन्न की कमी नहीं होती।

  • पितरों का ध्यान करना: सोने से पहले, शांत मन से अपने पितरों का ध्यान करें। उनके नाम का जाप करें और उनसे माफी मांगें। यह एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है।


ध्यान रखने योग्य बातें


पितृ पक्ष के दौरान जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों जैसे अरबी, गाजर, मूली, शलजम, सूरन, शकरकंद और चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन्हें तामसिक माना जाता है। इसके अलावा, पत्ता गोभी और कुम्हड़ा भी वर्जित हैं, क्योंकि ये पितरों को रुष्ट कर सकते हैं।