पितृपक्ष में चंद्र ग्रहण: राशियों पर प्रभाव और ज्योतिषीय विश्लेषण
पितृपक्ष और चंद्र ग्रहण का महत्व
Kaalchakra Today 7 September 2025: पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया मानी जाती है। इस समय पिंडदान और तर्पण जैसे कार्य किए जाते हैं, जिससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। इस अवधि में श्राद्ध करने से परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है। वर्ष 2025 में, आज यानी 7 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है। ज्योतिषीय दृष्टि से भी आज का दिन विशेष है, क्योंकि भारत में 3 घंटे 28 मिनट 2 सेकंड के लिए पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। ग्रहण का स्पर्श काल रात 9:58 बजे होगा, जबकि मध्यम काल रात 11:41 बजे और मोक्ष काल मध्य रात्रि 1:26 बजे होगा। सूतक काल दोपहर 12:19 बजे से शुरू होकर मध्य रात्रि 1:26 बजे समाप्त होगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा, जिससे सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे कि चंद्र ग्रहण का प्रत्येक राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर प्रभाव
- मेष राशि
मेष राशि के लिए आज का चंद्र ग्रहण शुभ रहेगा, क्योंकि यह उनकी कुंडली के 11वें भाव में स्थित है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी, लेकिन भाई-बहनों के साथ विवाद की संभावना है।
- वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों के लिए चंद्र ग्रहण 10वें भाव में प्रभाव डालेगा, जिससे कार्यक्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएंगे। हालांकि, नौकरी बदलने में जल्दबाजी न करें और अपने वरिष्ठों से विवाद से बचें। अपने और पिता की सेहत का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
- मिथुन राशि
मिथुन राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव 9वें भाव में पड़ेगा, जो मध्यम फलदायी रहेगा। गुरु समान किसी व्यक्ति या पिता से मतभेद हो सकते हैं। विदेश यात्रा की योजनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं, और खर्च बढ़ने की संभावना है। हालांकि, रुके हुए काम बन सकते हैं और अटका धन प्राप्त हो सकता है।
यदि आप अन्य राशियों पर चंद्र ग्रहण के प्रभाव के बारे में जानना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।