पितृपक्ष में पीपल का पौधा लगाने के लाभ और विधि

पितृपक्ष: पूर्वजों को याद करने का समय
Pitru Paksha 2025, सिटी रिपोर्टर | नई दिल्ली : पितृपक्ष हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों की याद में समर्पित एक महत्वपूर्ण अवधि है। इस समय के दौरान लोग तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध जैसे धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान एक विशेष पौधा लगाने से भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है? जी हां, पितृपक्ष में पीपल का पौधा लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह न केवल पितरों को संतुष्ट करता है, बल्कि घर में सुख और समृद्धि भी लाता है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में पीपल का पौधा क्यों और कैसे लगाना चाहिए।
पीपल का पौधा: धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीपल के पेड़ में पितरों का निवास होता है। पितृपक्ष के दौरान इस पौधे को लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। पीपल का पौधा घर के बाहर या छत पर गमले में लगाया जा सकता है। इसे नियमित रूप से जल चढ़ाने और पूजा करने से पितर तृप्त होते हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, यह पितृ दोष को दूर करने का एक सरल उपाय भी है।
पीपल के पौधे की पूजा और देखभाल
पितृपक्ष में पीपल का छोटा पौधा लाकर इसे गमले में लगाएं। इसे गंगाजल से शुद्ध करके विधिपूर्वक पूजा करें। प्रतिदिन सुबह पौधे को जल चढ़ाएं, क्योंकि मान्यता है कि यह जल पितरों तक पहुंचता है और उन्हें तृप्त करता है। इससे न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी आती है। पितृपक्ष समाप्त होने के बाद इस पौधे को किसी खुली जगह, जैसे नदी किनारे या बगीचे में लगा दें, क्योंकि घर में बड़ा पीपल का पेड़ रखना शुभ नहीं माना जाता।
पितृ दोष से मुक्ति का सरल उपाय
पितृपक्ष में पीपल का पौधा लगाना पितृ दोष से छुटकारा पाने का एक प्रभावी तरीका है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल का पेड़ पर्यावरण को शुद्ध रखता है और पितरों को प्रसन्न करने में मदद करता है। इस पौधे की पूजा और देखभाल से न केवल पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि घर में सकारात्मकता और शांति का माहौल भी बनता है।