पीलीभीत में विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री की गिरफ्तारी, वसूली के आरोप
पीलीभीत में गिरफ्तारी का मामला
पीलीभीत। पीलीभीत जिले के एक कॉलोनी में धारा-80 से संबंधित झूठी शिकायत के माध्यम से वसूली और धमकाने के आरोप में पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) के शाहजहांपुर विभाग के संगठन मंत्री प्रिंस गौड़ को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया की शिकायत पर की गई। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
एडीएम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रिंस गौड़ ने मंडलायुक्त को एक पत्र भेजा था, जिसमें उनके खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाए गए थे। पत्र में कहा गया था कि एडीएम ने कॉलोनी की धारा-80 की कार्रवाई की है, जबकि यह कार्य एसडीएम का होता है।
एडीएम के अनुसार, यह पत्र उन्हें डराने और मानसिक तनाव देने के लिए लिखा गया था, जिसमें धन उगाही की मंशा भी स्पष्ट होती है। आरोप है कि प्रिंस गौड़ ने एडीएम पर दबाव बनाने की कोशिश की और यह भी लिखा कि एडीएम ने अपनी मां और ससुर के नाम पर प्लॉट का बैनामा कराया है, जबकि दोनों का निधन हो चुका है। एडीएम ने अपनी सुरक्षा को लेकर संभावित हमले की आशंका भी जताई। कोतवाल सतेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
धारा 80 का महत्व
उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 80 भूमि के गैर-कृषि उपयोग के लिए अनुमति देती है। किसान अपनी कृषि भूमि को आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक उपयोग के लिए बदल सकते हैं, जिसके लिए सक्षम प्राधिकारी (उप जिलाधिकारी) से अनुमति लेनी होती है। एडीएम ने अपनी एफआईआर में भी इस बात का उल्लेख किया है कि धारा 80 की कार्रवाई एसडीएम स्तर पर होनी चाहिए।
सुरक्षा को लेकर चिंता
एडीएम ने अपनी तहरीर में सुरक्षा को लेकर संभावित हमले की आशंका भी जताई। इस मामले में विहिप जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण गंगवार ने भी पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि शिकायत में प्रयुक्त लेटर पैड फर्जी था और संगठन ने किसी को भी इस तरह की शिकायत करने की अनुमति नहीं दी थी। कोतवाल सतेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
संगठन मंत्री की जांच का आदेश
विहिप के जिलाध्यक्ष श्री कृष्ण गंगवार ने बताया कि शहर के पास एक मजार की शिकायत आई थी, जिसका समाधान हो गया। जब संगठन की ओर से दोबारा शिकायत मिली, तो संगठन मंत्री राजेश के कहने पर कॉलोनी में जांच की गई, जहां मजार नहीं मिली। इसकी जानकारी संगठन मंत्री को दी गई और पत्र जारी किया गया। विभाग संगठन मंत्री को एफआईआर से संबंधित जानकारी नहीं है।
