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पौष अमावस्या पर विशेष उपाय: पितरों को प्रसन्न करने के तरीके

पौष अमावस्या, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई विशेष उपाय किए जाते हैं। इस दिन स्नान, दान और पूजा का महत्व है। जानें कैसे आप इस दिन विशेष उपाय करके अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं और अपने घर में सुख-शांति बना सकते हैं।
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पौष अमावस्या पर विशेष उपाय: पितरों को प्रसन्न करने के तरीके

अमावस्या का महत्व


कल मनाई जाएगी अमावस्या
पौष मास की अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इसे पौष अमावस्या कहा जाता है, जो एक पवित्र और शुभ दिन होता है। इस दिन स्नान, दान और आत्मशुद्धि का महत्व है। पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा की जाती है, और यह पितरों के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।


पौष अमावस्या के उपाय


  • पौष अमावस्या की सुबह पवित्र जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और पितरों का तर्पण करें। तर्पण करते समय मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा पितरों के लिए मानी जाती है। जल में तिल मिलाकर तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

  • इस दिन पितरों का पिंडदान करना चाहिए, जिससे उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जा सके। पिंडदान से ऋण से मुक्ति की भी कामना की जाती है।

  • तिल का दान करना भी महत्वपूर्ण है। काले तिल का उपयोग तर्पण और दान दोनों में किया जाता है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

  • शाम को घर के द्वार पर और पितरों के स्थान पर दीपक जलाना चाहिए। दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है, जिससे पितरों को प्रसन्नता मिलती है।


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