प्रदोष व्रत 2025: सावन के अंतिम प्रदोष व्रत पर शिवलिंग पर अर्पित करें ये विशेष वस्तुएं

प्रदोष व्रत का महत्व और पूजा विधि
सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने का अंतिम प्रदोष व्रत 6 अगस्त 2025, बुधवार को मनाया जाएगा, जिसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर विशेष वस्तुएं अर्पित करने से जीवन की कठिनाइयों का समाधान होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह हर महीने की त्रयोदशी तिथि को आता है, लेकिन सावन के महीने का प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है। खासकर अंतिम प्रदोष पर पूजा करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
शिवलिंग पर अर्पित करने के लिए निम्नलिखित वस्तुएं विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती हैं: 1. दूध और जल – मानसिक शांति के लिए। 2. शहद और दही – वैवाहिक जीवन में मिठास लाने के लिए। 3. गंगाजल – पवित्रता और दोषों की शुद्धि के लिए। 4. बिल्वपत्र – इच्छाओं की पूर्ति के लिए। 5. धतूरा और भांग – बाधाओं से मुक्ति के लिए। 6. सफेद फूल – शांति और सौभाग्य का प्रतीक। 7. चावल (अक्षत) – समृद्धि और सुख-शांति के लिए।
पूजा विधि में शामिल हैं: प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लेना, दिनभर फलाहार करना, संध्या के समय शिवलिंग पर अभिषेक करना, ओम नमः शिवाय का जाप करना और अंत में आरती कर प्रसाद बांटना। इस विशेष दिन पर भगवान शिव की सच्ची भक्ति से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में खुशहाली बनी रहती है।