प्रसाद की शुद्धता पर चिंता: मिलावट का मामला
हाल ही में प्रसाद में मिलावट की चिंताएँ सामने आई हैं, जो न केवल धार्मिक शुद्धता को प्रभावित करती हैं, बल्कि भक्तों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन सकती हैं। आंध्र प्रदेश के बड़े मंदिरों में इस समस्या की गंभीरता बढ़ रही है। अधिकारियों और भक्तों ने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। जानें इस मुद्दे के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
Jun 12, 2025, 12:11 IST
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प्रसाद की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर खतरा
प्रसाद, जो मंदिरों में भगवान को अर्पित किया जाता है और भक्तों में बांटा जाता है, उसकी शुद्धता और गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाल ही में, प्रसाद बनाने में उपयोग होने वाले घी में मिलावट की चिंताएँ सामने आई हैं। यह समस्या विशेष रूप से उन क्षेत्रों में देखी जा रही है जहाँ बड़े मंदिरों में भारी मात्रा में प्रसाद तैयार किया जाता है, जैसे आंध्र प्रदेश के कुछ जिले।मिलावटी घी का उपयोग न केवल प्रसाद की धार्मिक और आध्यात्मिक शुद्धता को प्रभावित करता है, बल्कि यह भक्तों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है। मिलावट में अक्सर अशुद्ध, निम्न गुणवत्ता वाले, या हानिकारक पदार्थों का मिश्रण होता है। इस स्थिति ने अधिकारियों, मंदिर प्रशासनों और भक्तों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है।
शुद्ध और स्वच्छ सामग्री का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि प्रसाद की पवित्रता और भक्तों का विश्वास बना रहे। खाद्य सुरक्षा विभाग से इस मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।