प्रेमानंद महाराज का मार्गदर्शन: सच्चे संत की खोज में क्या करें?

प्रेमानंद महाराज का प्रवचन
Premanand Maharaj Pravachan: आजकल के समय में बहुत से लोग गलत चीजों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। विशेषकर युवा वर्ग जल्दी ही गलत संगत में पड़ जाता है, जिससे वे अपने लक्ष्यों से भटक जाते हैं और जीवन में कुछ हासिल नहीं कर पाते। हालांकि, ऐसे भी लोग हैं जिन्हें अपने कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर नहीं मिलता। इस स्थिति में, कुछ लोग धार्मिक मार्ग अपनाते हैं, जबकि कई लोग डिप्रेशन और एंग्जायटी का शिकार हो जाते हैं। लेकिन कई बार धार्मिक मार्ग पर भी उन्हें शांति नहीं मिलती, क्योंकि वे अपने सच्चे संत को नहीं पा पाते, जो उन्हें आत्म शांति प्रदान कर सके।
यदि आप भी अपने संत को नहीं पा रहे हैं, तो प्रेमानंद महाराज द्वारा बताए गए उपायों का अनुसरण कर सकते हैं। संत प्रेमानंद महाराज एक प्रसिद्ध कथावाचक हैं, जिनका आश्रम वृंदावन में श्री हित राधा केलि कुंज के नाम से जाना जाता है। आश्रम में बाबा प्रवचन के साथ-साथ एकांतिक वार्तालाप भी करते हैं। इस वार्ता के दौरान, बाबा भक्तों की समस्याओं का समाधान बताते हैं। एक भक्त ने बाबा से सच्चे संत को पाने के तरीके के बारे में पूछा, जिसके बारे में हम आपको जानकारी देंगे।
सच्चे संत को पाने के लिए क्या करें?
प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा, 'हम ऐसा क्या करें जिससे हमें सच्चे संत मिलें और हमारा कल्याण हो?' इस पर बाबा ने उत्तर दिया, 'आपकी प्रबल श्रद्धा और उत्कंठा होनी चाहिए कि आपको सच्चे संत मिलें। जिन पर भगवान की कृपा होती है, उन्हें ही सच्चे संत मिलते हैं।'
प्रबल श्रद्धा होना है जरूरी
बाबा ने आगे कहा, 'जब दीनदयाल राघव साधु संगति पाइये' का अर्थ है कि जब दीन दयालु भगवान राघव की कृपा होती है, तभी साधु-संतों का संग मिलता है। लेकिन हर किसी को संतों का संग नहीं मिलता। जब व्यक्ति प्रबल श्रद्धा और चाह से भगवान की कृपा प्राप्त करता है, तो उसे साधुओं का साथ मिलता है। सच्चे संत केवल भगवान की कृपा से ही मिलते हैं। इसलिए संत मिलन की तीव्र आकांक्षा कीजिए।
भगवान को पुकारें और उनसे कहें कि हमें सच्चे संत का संग दें। संत मिलन के लिए भगवान से प्रार्थना करें। जब भगवत कृपा होगी, तो वह आपको संत के पास पहुंचा देंगे या संत खुद आपके पास आ जाएंगे। संत मिलन का अर्थ परम कल्याण है, जिसके बाद साधक को भगवत प्राप्ति होती है।