भगवान गणेश की पूजा में करें ये 5 विशेष कार्य, प्राप्त करें आशीर्वाद

भगवान गणेश की महिमा
भगवान गणेश पूजा: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता माना जाता है। वे हिंदू धर्म में पहले पूजनीय देवता हैं। गणेश पुराण और स्कंद पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथों में उनकी महिमा का वर्णन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि उनकी भक्ति से सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और इच्छाएं पूरी होती हैं।
गणेश मंदिर में विशेष कार्य
गणेश मंदिर में कुछ विशेष कार्य करने से भक्तों को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जैसे कि यदि किसी को भगवान शिव तक अपनी प्रार्थना पहुंचानी हो, तो वह नंदी के कान में अपनी इच्छा रखता है। इसी तरह, भगवान गणेश तक अपनी प्रार्थना पहुंचाने के लिए वहां मौजूद चूहे की मूर्ति के कान में अपनी मनोकामना कह सकते हैं। आइए जानते हैं कि गणेश मंदिर में मनोकामना पूर्ति के लिए किन कार्यों को करना चाहिए।
गणेश मंत्र का जाप
गणेश मंत्र का जाप
धार्मिक ग्रंथों में गणेश मंत्रों को अत्यंत प्रभावशाली बताया गया है। गणेश गायत्री मंत्र 'ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात्' या 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप करने से मन की शांति और बुद्धि की प्रखरता बढ़ती है। गणेश पुराण के अनुसार, मंत्र जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्त की बौद्धिक व आध्यात्मिक उन्नति होती है। मंदिर में कम से कम 108 बार मंत्र का जाप करें, इससे आपकी इच्छाएं पूरी होने की संभावना बढ़ती है।
मोदक अर्पित करें
मोदक करें अर्पित
गणेश पुराण के अनुसार, भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय है। मंदिर में मोदक अर्पित करने से गणपति प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, मोदक समृद्धि और मिठास का प्रतीक है। मंदिर में 21 मोदक चढ़ाने की परंपरा है, जिसे बाद में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इसलिए, आप मंदिर में मोदक का भोग अवश्य लगाएं।
दूर्वा अर्पित करें
दूर्वा करें अर्पित
स्कंद पुराण में दूर्वा घास को गणेश जी की पूजा में विशेष महत्व दिया गया है। दूर्वा को गणपति का प्रिय माना जाता है। मंदिर में 21 दूर्वा घास की गांठें चढ़ाने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार, दूर्वा अर्पित करने से स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख में वृद्धि होती है। ध्यान रखें कि दूर्वा ताजा और स्वच्छ हो।
गणेश चालीसा का पाठ
गणेश चालीसा पाठ
गणेश चालीसा का पाठ मंदिर में करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। शास्त्रों में चालीसा को भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना गया है। मंदिर के पवित्र वातावरण में गणेश चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन में सकारात्मकता का संचार होता है। पाठ के बाद गणेश जी से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
परिक्रमा करें
करें परिक्रमा
धार्मिक ग्रंथों में गणेश मंदिर में परिक्रमा का विशेष महत्व है। गणेश पुराण के अनुसार, गणपति की मूर्ति की तीन परिक्रमा करने से सभी विघ्न दूर होते हैं। परिक्रमा के बाद गणेश जी के सामने साष्टांग प्रणाम करें।