भगवान शिव की पूजा के नियम और महत्व
भगवान शिव की पूजा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि भगवान शिव का आह्वान कैसे करना है, पूजा के नियम क्या हैं, और किस प्रकार से उनकी पूजा विधि को सही तरीके से किया जा सकता है। शिव की पूजा से व्यक्ति को रोग, शोक और संकट से मुक्ति मिलती है। जानें शिव पूजा के मंत्र और विधि के बारे में विस्तार से।
Aug 18, 2025, 13:00 IST
| 
भगवान शिव की पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का एक विशेष महत्व है। शिव को मृत्युंजय कहा जाता है, और उनकी साधना से व्यक्ति कठिनाइयों से उबर सकता है। भगवान शिव की पूजा से जातक को रोग और शोक से मुक्ति मिलती है। वैद्यनाथ के नाम से जाने जाने वाले महादेव की पूजा से आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शिव की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
भगवान शिव का आह्वान कैसे करें
भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे पहले शांत मन से उनका ध्यान करें। फिर आह्वान मुद्रा में बैठकर दोनों हाथों को मिलाएं और अंगूठे को अंदर की ओर मोड़ें। भगवान शिव का आह्वान करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें।
आह्वान मंत्र
यावत्पूजां करिष्यामि तावत्त्वं सन्निधौ भव॥
ऊं सांगाय सायुधाय साम्बसदाशिवाय नमः आवाहनं समर्पयामि।
ऊं मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ॥
पूजा विधि
आह्वान मंत्रों का जाप करने के बाद भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। उन्हें सफेद चंदन लगाएं और उनके सामने घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान शिव को सफेद मिठाई और फल अर्पित करें। इसके बाद भोलेनाथ की आधी परिक्रमा करें और अंत में उनकी आरती करें। पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें।
आह्वान के लिए ताली बजाने की विधि
भगवान शिव का आह्वान करने के लिए तीन ताली बजाना चाहिए, इसके बाद पूजा-अर्चना शुरू करें।
शिव की पूजा के नियम
भगवान शिव की पूजा में ध्यान रखें कि उन्हें तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। केतकी के फूल का अर्पण भी नहीं करना चाहिए। पूजा में लाल चंदन का उपयोग न करें। शिवलिंग की आधी परिक्रमा लगाना आवश्यक है और माता पार्वती की पूजा भी अवश्य करें।