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भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो भारत का सबसे लंबा और दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है, नई दिल्ली को मुंबई से जोड़ता है। इसकी लंबाई 1,386 किलोमीटर है, जिससे यात्रा का समय आधे से कम हो गया है। इस एक्सप्रेसवे में जंगली जानवरों के लिए ग्रीन ओवरपास और साइलेंट कॉरिडोर जैसी अनोखी सुविधाएँ हैं। जानें इस एक्सप्रेसवे की अन्य विशेषताएँ और यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाएँ।
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भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की जानकारी

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो भारत का सबसे लंबा और विश्व का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है, नई दिल्ली को मुंबई से जोड़ता है। इसकी लंबाई 1,386 किलोमीटर है, जिससे यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 12 घंटे हो गया है। यह आठ लेन का एक्सप्रेसवे है, जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाने की योजना है.


विशेषताएँ और सुरक्षा उपाय

इस एक्सप्रेसवे की एक अनोखी विशेषता यह है कि यह एशिया का पहला ऐसा हाईवे है, जिसमें जंगली जानवरों के लिए ग्रीन ओवरपास बनाए गए हैं। जानवरों की सुरक्षा के लिए, मुकंदरा और रणथंभौर के क्षेत्रों में साइलेंट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है, जहां गाड़ियों के हॉर्न के बजाय संगीत वाद्ययंत्रों की धुन बजेगी.


वाहनों की गति और निर्माण

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां 120 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं। इसे एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के साथ विकसित किया जा रहा है। इसका निर्माण मार्च 2019 में शुरू हुआ था और यह अगले वर्ष तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा. इस परियोजना में 12 लाख टन स्टील और 80 लाख टन सीमेंट का उपयोग किया गया है, जिससे ईंधन की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी आएगी.


यात्रियों के लिए सुविधाएँ

इस एक्सप्रेसवे पर यात्रियों के लिए कई सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, जैसे कि पेट्रोल पंप, रेस्ट एरिया, फूड कोर्ट, एटीएम, अस्पताल, और पार्किंग। 30 लेन के टोल प्लाजा बनाए गए हैं, जहां गाड़ियों का वेट-टाइम 10 सेकंड से भी कम होगा.