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भिवानी में निर्जला एकादशी पर गौवंश को सत्तू पिलाने का अभियान

भिवानी में निर्जला एकादशी के अवसर पर गौसेवकों ने एक विशेष अभियान चलाया, जिसमें बेसहारा गौवंश को आयुर्वेदिक सत्तू पिलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व संजय परमार ने किया, और इसे अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत डॉ. अशोक गिरी महाराज ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। अभियान का उद्देश्य गौवंश की सेवा करना और लोगों को गौ सेवा के प्रति जागरूक करना है। जानें इस अभियान के महत्व और गौवंश की सेवा के संदेश के बारे में।
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भिवानी में निर्जला एकादशी पर गौवंश को सत्तू पिलाने का अभियान

गौवंश की सेवा का विशेष अभियान


  • धर्म-कर्म के नाम पर गौवंश की सेवा होनी चाहिए प्राथमिकता : संजय परमार


(Bhiwani News) भिवानी। निर्जला एकादशी के अवसर पर, गौसेवकों ने गौरक्षा दल भिवानी के अध्यक्ष संजय परमार के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के तहत, शहर के बेसहारा गौवंश को गुड़ और जौ के मिश्रण से बने आयुर्वेदिक सत्तू का सेवन कराया गया। अभियान की शुरुआत स्थानीय हालुवास गेट स्थित सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत डॉ. अशोक गिरी महाराज द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई। इसके बाद, गौरक्षकों ने शहर में घूमकर बेसहारा गौवंश को सत्तू पिलाया और हालुवास गेट स्थित नंदीशाला में अभियान का समापन किया।


निर्जला एकादशी का महत्व

सनातन धर्म में निर्जला एकादशी के दिन पानी पिलाने को सबसे बड़ा पुण्य का कार्य माना जाता


इस सत्तू को अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत डॉ. अशोक गिरी महाराज द्वारा गुड़, जौ और हल्दी सहित विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों से तैयार किया गया है, जिससे गौवंश की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और उनकी पाचन शक्ति भी बेहतर होती है। हर साल की तरह, इस बार भी चिनार फ्रेबिक्स से नंदकिशोर अग्रवाल ने गौवंश को सत्तू पिलाने के लिए पानी का टैंकर उपलब्ध कराया। डॉ. अशोक गिरी महाराज ने बताया कि निर्जला एकादशी के दिन पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है, और यह पुण्य तब और बढ़ जाता है जब सेवा गौवंश की होती है।


गौवंश की सेवा का संदेश

गौरक्षा दल भिवानी के अध्यक्ष संजय परमार ने कहा कि जब भी धर्म-कर्म की बात आती है, तो लोग केवल इंसान की सेवा की सोचते हैं, जबकि गौवंश की सेवा का विचार सबसे पहले आना चाहिए। उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि वे प्रतिदिन गो माता के लिए एक रोटी निकालें, जिससे गोमाता को आहार मिलेगा और उन्हें गो सेवा करने का अवसर भी प्राप्त होगा।