महादेव का तिरसूल 11 जून को भारत और स्विट्जरलैंड में एक साथ स्थापित होगा

महादेव का तिरसूल और कलश शोभायात्रा
- भारत के भालसी गांव और स्विट्जरलैंड में तिरसूल की स्थापना
(पानीपत) पानीपत। अन्तरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन डॉ. नवीन नैन भालसी ने जानकारी दी कि देवों के देव महादेव की कृपा से और हमारे आराध्य ब्रह्मलीन सतगुरु प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी के आशीर्वाद से, 144 वर्षों बाद झूसी प्रयागराज आश्रम में होने वाले पावन महाकुंभ में इस बार 108 त्रिशूलों का महापूजन 31 दिनों तक किया जाएगा। इसके बाद, 12 त्रिशूलों के साथ 12 ज्योतिर्लिंग, 12 शक्तिपीठों और 4 धामों का स्पर्श-दर्शन एवं महापूजा के बाद भगवा त्रिशूल यात्रा का आयोजन 18 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा।
इसके बाद, 11 जून 2025 को ज्येष्ठ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, हरियाणा के पानीपत जिले के भालसी गांव और स्विट्जरलैंड के एम्मेनवीडस्ट्रैस में भगवान महादेव के सिद्ध तिरसूल की स्थापना की जाएगी।
डॉ. नवीन नैन भालसी ने सभी से अपील की है कि वे इस दिव्य यात्रा में भाग लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें और त्रिशूल के विधिवत पूजन में शामिल होकर पुण्य के भागीदार बनें। यह यात्रा प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या से शुरू हुई थी, जहां संगम तट पर 31 दिनों तक 108 त्रिशूलों का नियमित अभिषेक किया गया।
इसके बाद, यह यात्रा 1 मार्च से विशाल भगवा त्रिशूल यात्रा के तहत 120 त्रिशूलों के साथ प्रमुख तीर्थ स्थानों पर जाएगी। इस समारोह में धर्माचार्य, संत-महात्मा, राजनेता और हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे। विशेष पूजन, भजन-कीर्तन, प्रवचन, महाआरती, हवन और प्राण प्रतिष्ठा के मंत्रों का विधिवत आयोजन किया जाएगा, जिससे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को और मजबूती मिलेगी।