महामृत्युंजय मंत्र: सावन में शिव की कृपा पाने के उपाय

सावन का पवित्र महीना
Kaalchakra Today 28 July 2025: भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू हुआ है और यह 09 अगस्त 2025 को सावन पूर्णिमा के दिन समाप्त होगा, जब रक्षा बंधन का त्योहार भी मनाया जाएगा। इस महीने में शिव जी की पूजा के साथ-साथ कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। विशेष रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसमें महादेव से आयु रक्षा और सुरक्षा की प्रार्थना की गई है। इसके अलावा, यह मंत्र कुंडली के कुछ दोषों को दूर करने में भी सहायक होता है। मंत्र का दीर्घ या लघु स्वरूप जाप करने से व्यक्ति को सुरक्षा मिलती है।
महामृत्युंजय मंत्र के लाभ
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय महामृत्युंजय मंत्र के जाप से होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
एकाक्षरी मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र का एकाक्षरी मंत्र 'हौं' है, जिसका नियमित 108 बार जाप करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है। मंत्र का जाप करने के बाद रोगी को अस्पताल में दवाइयां बांटने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही, छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करने से स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है।
त्रयक्षरी मृत्युंजय मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र का त्रयक्षरी मंत्र 'ॐ जूं स:' है। जिन लोगों को बार-बार चोट लगती है या जो अक्सर बीमार होते हैं, उन्हें इस मंत्र का जाप करना चाहिए। रात में सोने से पहले कम से कम 27 बार इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है। यदि संभव हो, तो अगले दिन सुबह भी इसका जाप करें। इसके साथ ही, कुत्तों को दूध-रोटी और चींटियों को चीनी डालने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
चतुराक्षरी मृत्युंजय मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र का चतुराक्षरी मंत्र 'ॐ हौं जूं स:' है। सुबह शिव जी को जल अर्पित करके इस मंत्र का कम से कम 3 माला जाप करें। मंत्र का जाप करने के बाद किसी गरीब व्यक्ति को कपड़े का दान करना चाहिए। यह मंत्र मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इसके अलावा, जिनका ऑपरेशन होने वाला है, उन्हें भी इसका जाप करना चाहिए।
यदि आप महामृत्युंजय मंत्र के जाप से जुड़े अन्य उपायों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।