महिलाओं के अपमान पर अनिरुद्धाचार्य के विवादास्पद बयान

महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणियाँ
निर्मल रानी | हमारे देश में कई स्वयंभू संत और प्रवचनकर्ता हैं, जो टीवी पर अपनी उपस्थिति से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते हैं। इनमें से एक अनिरुद्धाचार्य हैं, जो अक्सर विवादों में रहते हैं।
अनिरुद्धाचार्य ने कई बार विवादास्पद टिप्पणियाँ की हैं, जैसे कि उन्होंने बिस्किट को 'विष-की-किट' कहा और महिलाओं को पीछे की ओर सोने से मना किया।
एक टीवी शो में, उन्हें तार्किक विचार रखने वाले लोगों का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उनके प्रवचन में किए गए अजीब दावों पर सवाल उठाया।
हाल ही में, अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणियाँ कीं, जो उनके अनुयायियों के लिए भी चौंकाने वाली थीं।
महिलाओं के प्रति अपमानजनक बयानों की श्रृंखला
उन्होंने कुंवारी लड़कियों की शादी की उम्र पर विवादास्पद टिप्पणी की, जिससे देशभर में हंगामा मच गया।
अनिरुद्धाचार्य ने 14 साल की उम्र में शादी को सही ठहराया, जो भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम के खिलाफ है।
इस बयान के बाद, कई संगठनों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किए और उनके पुतले जलाए।
मीडिया समूहों ने इस विवाद को टीआरपी के लिए भुनाने का प्रयास किया।
महिलाओं की स्थिति पर सवाल
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि कुछ लड़कियाँ चार जगह मुंह मारकर किसी रिश्ते को निभा नहीं सकतीं, जिससे उनकी मानसिकता का पता चलता है।
भारत में जहां महिलाएं उच्च शिक्षा और करियर में आगे बढ़ रही हैं, वहां ऐसे बयानों का क्या मतलब है?
कुछ संत महिलाओं को 5-10 बच्चे पैदा करने की सलाह देते हैं, जो उनकी स्थिति को और भी खराब करता है।
महिलाओं को ऐसे स्वयंभू संतों की भक्ति में डूबी रहकर अपने अपमान का जिम्मेदार ठहराना चाहिए।