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माता वैष्णवी धाम में देवोत्थान एकादशी का आयोजन

माता वैष्णवी धाम में देवोत्थान एकादशी के अवसर पर आचार्य पवन शर्मा ने उपासना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि उपासना आत्मा की शांति का मार्ग है और पूजा-पाठ से अलग है। इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन के माध्यम से अपने प्रभु को प्रसन्न किया। जानें इस विशेष अवसर पर आचार्य ने क्या कहा और उपासना का असली अर्थ क्या है।
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माता वैष्णवी धाम में देवोत्थान एकादशी का आयोजन

उपासना का महत्व


  • आत्मा का परमात्मा में रूपांतरण का मार्ग है, उपासना : आचार्य पवन शर्मा


जींद। आचार्य पवन शर्मा ने बताया कि उपासना चिंता, भय और घृणा को समाप्त करती है, और ईर्ष्या तथा तृष्णा की पीड़ा को कम करती है। उपासना आत्मिक शांति का मार्ग है।


उन्होंने देवोत्थान एकादशी के अवसर पर माता वैष्णवी धाम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।


महिलाओं ने भजन-कीर्तन के माध्यम से अपने प्रभु को प्रसन्न किया। आचार्य ने कहा कि किसी व्यक्ति की उपासना की सच्चाई का मापदंड यह है कि उपासना के परिणामस्वरूप साधक की अंतरात्मा में संतोष, सहनशीलता, प्रफुल्लता, शांति और सद्भावना का कितना विकास हुआ है।


उपासना और पूजा का अंतर

पूजा पाठ करना अलग व उपासना अलग


आचार्य ने स्पष्ट किया कि यदि उपासना के बाद भी व्यक्ति के जीवन में सद्गुणों का प्रवेश नहीं हुआ है, तो यह समझना चाहिए कि वह व्यक्ति उपासना से दूर है, चाहे वह पूजा-पाठ कितनी भी क्यों न करता हो।


उन्होंने कहा कि केवल अपनी कठिनाइयों को हल करने या सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रार्थना करने वाले लोग उपासना के तत्वज्ञान से बहुत पीछे हैं। उपासना आत्मा और परमात्मा के मिलन का एक माध्यम है।