मार्गशीर्ष अमावस्या पर करने योग्य और न करने योग्य कार्य
मार्गशीर्ष अमावस्या, जो 20 नवंबर को मनाई जाएगी, हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन विशेष पूजा और तर्पण का महत्व है। जानें कि इस दिन किन कार्यों से बचना चाहिए, जैसे क्रोध, विवाद, यात्रा, और अन्य अशुभ कार्य। यह जानकारी आपको इस पवित्र दिन का सही तरीके से पालन करने में मदद करेगी।
| Nov 18, 2025, 07:10 IST
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर को मनाई जाएगी
हिंदू धर्म में हर महीने की 15वीं तिथि अमावस्या होती है, जब चंद्रमा आसमान में नहीं होता। इस रात का अंधकार गहरा होता है। अमावस्या के दिन स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व है, जो पितरों को समर्पित होता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर न करें ये कार्य
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 19 नवंबर को सुबह 09:43 बजे शुरू होगी और 20 नवंबर को दोपहर 12:16 बजे समाप्त होगी। इस दिन कुछ कार्यों से बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें करने से नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
- इस दिन क्रोध और विवाद से दूर रहें। कहा जाता है कि इस दिन शुरू हुआ विवाद लंबे समय तक चलता है। मौन रहना बेहतर है।
- बाल और नाखून न काटें। यह अशुभ माना जाता है।
- यात्रा पर न निकलें, क्योंकि इस दिन नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं।
- घर में कलह या विवाद न करें, अन्यथा माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
- अंधेरे स्थानों या लंबे समय से बंद पड़े भवन में न जाएं।
- दूसरों के घर का अन्न न खाएं और तामसिक चीजों से बचें।
