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मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

मार्गशीर्ष अमावस्या, जो पितरों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, इस दिन विशेष उपायों के माध्यम से पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है। जानें इस अमावस्या पर किए जाने वाले उपाय, जैसे दीपक जलाना, गीता का पाठ करना और दान करना। ये उपाय न केवल पितरों को प्रसन्न करते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी लाते हैं।
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मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व


मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या को विशेष रूप से पितरों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस अमावस्या की रात कई विशेष उपाय किए जाते हैं, जिनसे पितरों की कृपा प्राप्त होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह अमावस्या 20 नवंबर को मनाई जा रही है।


रात में करने वाले उपाय


  • अमावस्या की रात, घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर या मुख्य द्वार पर दीपक जलाना चाहिए। दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। दीपक जलाते समय हाथ जोड़कर पितरों का ध्यान करें और मन में ॐ पितृ देवाय नम: का जप करें। इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

  • रात को छत या बालकनी में एक पात्र में साफ पानी भरकर रखें और सुबह उसे किसी पीपल के पेड़ पर अर्पित करें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

  • सोने से पहले, पितरों का ध्यान करते हुए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें। इससे पितरों को मोक्ष मिलता है और कुंडली से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।

  • मार्गशीर्ष अमावस्या के अगले दिन या उसी रात गर्म कपड़े, कंबल और अन्न का दान करें। कंबल का दान शनि और राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है और घर में अन्न की कमी नहीं होती।

  • अमावस्या की शाम पीपल के वृक्ष के पास जाकर जल अर्पित करें और 7 परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद अपनी मनोकामना कहें। पीपल में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, जिससे सभी संकट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।